Our Aim is to offer Solutions to the Problems Faced by People of India... with Help of Our Knowledge and Experiences........... Manojj Kr. Vishwakarma-- Social Activist, RTI Activist & Scientist Founder --The Public Solution Factory
Wednesday, 31 July 2013
Monday, 29 July 2013
Health Solutions--------Medicinal properties.....Hot Water..............!!!!!
~गुनगुना पानी~
इसमें कोई शक नही पानी स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है लेकिन गर्म पानी भी औषधीय गुणों की खान है.
- पानी को थोड़ा गर्म करके पी लें तो कब्ज को दूर करने में भी मदद मिलती है.
- गर्म पानी से स्नान थकान मिटाने, त्वचा को निखारने और इसकी बीमारियों को दूर करने का सबसे अच्छा साधन है.
- गर्म पानी का इस्तेमाल वजन कम करने, रक्त प्रवाह को संतुलित बनाने और रक्त प्रवाह का संचार ठीक से करने में भी लाभकारी है. - गुनगुने पानी को मुंह में घुमा घुमा कर घूंट घूंट करके पीने से मोटापा नियंत्रित होता है.
- गुनगुना पानी शरीर में मौजूद गंदगी को साफ करने की प्रक्रिया तेज करता है और गुर्दों के माध्यम से गंदगी बाहर निकल जाती हैं.
- शाररिक श्रम करने के पहले थोड़ा गुनगुना पानी पी ले थकान कम महसूस होगी और आपका शरीर ज्यादा हल्का महसूस करेगा
- गर्म पानी के साथ नींबू और शहद का मिश्रण बनाकर सेवन करने से आपकी प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है और वजन कम करने में भी ये नुस्खा लाभदायक है।
- ठंडे पानी को जहां गुर्दों के लिए हानिकारक माना जाता है वही गुर्दों की सेहत अच्छी बनाए रखने के लिए दिन में कम से कम दो बार यानी सुबह-शाम गुनगुना पानी पीना चाहिए. इससे शरीर में मौजूद गंदगी का जमाव नहीं हो पाता.
- गुनगुने पानी को हड्डियों और जोड़ों की सेहत के लिए भी जरूरी माना जाता है. गुनगुना पानी जोड़ों के बीच के घर्षण को कम करने में मदद करता है, जिससे भविष्य में गठिया जैसी गंभीर बीमारियों के होने की आशंका कम हो जाती है.
- सौंदर्य और स्वास्थ्य, दोनों की दृष्टि से गर्म पानी अचूक दवा है. इस पानी में थोड़ा सा गुलाब जल मिलाकर धीमे-धीमे शरीर पर डालने से आराम का अहसास होता है और किसी भी प्रकार का दर्द चुटकियों में दूर हो जाता है.
इसमें कोई शक नही पानी स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है लेकिन गर्म पानी भी औषधीय गुणों की खान है.
- पानी को थोड़ा गर्म करके पी लें तो कब्ज को दूर करने में भी मदद मिलती है.
- गर्म पानी से स्नान थकान मिटाने, त्वचा को निखारने और इसकी बीमारियों को दूर करने का सबसे अच्छा साधन है.
- गर्म पानी का इस्तेमाल वजन कम करने, रक्त प्रवाह को संतुलित बनाने और रक्त प्रवाह का संचार ठीक से करने में भी लाभकारी है. - गुनगुने पानी को मुंह में घुमा घुमा कर घूंट घूंट करके पीने से मोटापा नियंत्रित होता है.
- गुनगुना पानी शरीर में मौजूद गंदगी को साफ करने की प्रक्रिया तेज करता है और गुर्दों के माध्यम से गंदगी बाहर निकल जाती हैं.
- शाररिक श्रम करने के पहले थोड़ा गुनगुना पानी पी ले थकान कम महसूस होगी और आपका शरीर ज्यादा हल्का महसूस करेगा
- गर्म पानी के साथ नींबू और शहद का मिश्रण बनाकर सेवन करने से आपकी प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है और वजन कम करने में भी ये नुस्खा लाभदायक है।
- ठंडे पानी को जहां गुर्दों के लिए हानिकारक माना जाता है वही गुर्दों की सेहत अच्छी बनाए रखने के लिए दिन में कम से कम दो बार यानी सुबह-शाम गुनगुना पानी पीना चाहिए. इससे शरीर में मौजूद गंदगी का जमाव नहीं हो पाता.
- गुनगुने पानी को हड्डियों और जोड़ों की सेहत के लिए भी जरूरी माना जाता है. गुनगुना पानी जोड़ों के बीच के घर्षण को कम करने में मदद करता है, जिससे भविष्य में गठिया जैसी गंभीर बीमारियों के होने की आशंका कम हो जाती है.
- सौंदर्य और स्वास्थ्य, दोनों की दृष्टि से गर्म पानी अचूक दवा है. इस पानी में थोड़ा सा गुलाब जल मिलाकर धीमे-धीमे शरीर पर डालने से आराम का अहसास होता है और किसी भी प्रकार का दर्द चुटकियों में दूर हो जाता है.
Sunday, 28 July 2013
Health Solutions-- Bottles water in your Car Dangerous For Females.....
DANGER!!!!
LET EVERYONE WHO HAS A WIFE/GIRLFRIEND/ DAUGHTER/ FRIENDS AND COLLEAGUES.
KNOW PLEASE!
Bottled water in your car is very dangerous!
On the Ellen show, Sheryl Crow said that this is what caused her
breast cancer. It has been identified as the most common cause
of the high levels of dioxin in breast cancer tissue..
Sheryl Crow’s oncologist told her: women should not drink bottled
water that has been left in a car. The heat reacts with the chemicals
in the plastic of the bottle which releases dioxin into the water.
Dioxin is a toxin increasingly found in breast cancer tissue. So please
be careful and do not drink bottled water that has been left in a car.
Pass this on to all the women in your life. This information is the kind
we need to know that just might save us! Use a stainless steel canteen
or a glass bottle instead of plastic!
This information is also being circulated at Walter Reed Army Medical
Center … No plastic containers in microwaves. No plastic water
bottles in freezers. No plastic wrap in microwaves.
Dioxin chemical causes cancer, especially breast cancer. Dioxins are highly poisonous to cells in our bodies. Don’t freeze plastic bottles with water
in them as this releases dioxins from the plastic. Recently the Wellness
Program Manager at Castle Hospital , was on a TV program to explain
this health hazard.
He talked about dioxins and how bad they are for us. He said that we
should not be heating food in the microwave using plastic containers…..
This especially applies to foods that contain fat.
He said that the combination of fat, high heat and plastic releases dioxin
into the food.
Instead, he recommends using glass, such as Pyrex or ceramiccontainers
for heating food… You get the same result, but without the dioxin.. So,
such things as TV dinners, instant soups, etc., should be removed from
their containers and heated in something else.
Paper isn’t bad but you don’t know what is in the paper. It’s safer to
use tempered glass, such as Pyrex, etc.
He reminded us that a while ago some of the fast food restaurants
moved away from the styrene foam containers to paper. The dioxin
problem is one of the reasons….
Also, he pointed out that plastic wrap, such as Cling film, is just as
dangerous when placed over foods to be cooked in the microwave.
As the food is nuked, the high heat causes poisonous toxins to actually
melt out of the plastic wrap and drip into the food. Cover food with
a paper towel instead.
This is an article that should be share to anyone important in your life! for more like=> Amazing Facts
LET EVERYONE WHO HAS A WIFE/GIRLFRIEND/ DAUGHTER/ FRIENDS AND COLLEAGUES.
KNOW PLEASE!
Bottled water in your car is very dangerous!
On the Ellen show, Sheryl Crow said that this is what caused her
breast cancer. It has been identified as the most common cause
of the high levels of dioxin in breast cancer tissue..
Sheryl Crow’s oncologist told her: women should not drink bottled
water that has been left in a car. The heat reacts with the chemicals
in the plastic of the bottle which releases dioxin into the water.
Dioxin is a toxin increasingly found in breast cancer tissue. So please
be careful and do not drink bottled water that has been left in a car.
Pass this on to all the women in your life. This information is the kind
we need to know that just might save us! Use a stainless steel canteen
or a glass bottle instead of plastic!
This information is also being circulated at Walter Reed Army Medical
Center … No plastic containers in microwaves. No plastic water
bottles in freezers. No plastic wrap in microwaves.
Dioxin chemical causes cancer, especially breast cancer. Dioxins are highly poisonous to cells in our bodies. Don’t freeze plastic bottles with water
in them as this releases dioxins from the plastic. Recently the Wellness
Program Manager at Castle Hospital , was on a TV program to explain
this health hazard.
He talked about dioxins and how bad they are for us. He said that we
should not be heating food in the microwave using plastic containers…..
This especially applies to foods that contain fat.
He said that the combination of fat, high heat and plastic releases dioxin
into the food.
Instead, he recommends using glass, such as Pyrex or ceramiccontainers
for heating food… You get the same result, but without the dioxin.. So,
such things as TV dinners, instant soups, etc., should be removed from
their containers and heated in something else.
Paper isn’t bad but you don’t know what is in the paper. It’s safer to
use tempered glass, such as Pyrex, etc.
He reminded us that a while ago some of the fast food restaurants
moved away from the styrene foam containers to paper. The dioxin
problem is one of the reasons….
Also, he pointed out that plastic wrap, such as Cling film, is just as
dangerous when placed over foods to be cooked in the microwave.
As the food is nuked, the high heat causes poisonous toxins to actually
melt out of the plastic wrap and drip into the food. Cover food with
a paper towel instead.
This is an article that should be share to anyone important in your life! for more like=> Amazing Facts
हो सकती है ईवीएम् से छेड़छाड़ बदल सकता है आपका वोट,
सावधान !!! अब तक का सबसे बड़ा और सबसे पहला खुलासा
हो सकती है ईवीएम् से छेड़छाड़ बदल सकता है आपका वोट,
यकीन नहीं आता? तो जानिये कैसे?
मुख्यतः दो कारण सामने आते हैं,
1. ईवीएम् से छेड़छाड़ क्यूँ और किसलिये हो सकती है?
2. किसप्रकार हो सकती है ईवीएम् से छेड़छाड़?
तो जानिये
1. 2014 चुनाव में सीटों का सर्वेक्षण
एबीपी न्यूज- नील्सन के बाद मंगलवार को हैडलाइन टुडे-सी वोटर का जन सर्वेक्षण आया है। इस सर्वे की माने तो सन् 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 116 सीटों पर सिमट जानी है। मतलब उसे 90 सीटों का नुकसान होने वाला है। कांग्रेस के इस भारी नुकसान का फायदा छोटी और क्षेत्रिय पार्टियों को ज्यादा होगा। सन् 2009 के मुकाबले भाजपा के एनडीए को 27 सीटे ज्यादा मिलेगी जबकि तीसरे मोर्चे की छोटी-छोटी पार्टियों को 68 ज्यादा सीटे मिलेगी। मतलब कांग्रेस के भारी नुकसान में आंध्रप्रदेश में जगनमोहन और तमिलनाडु में जयललिता को अधिक लाभ होगा। कांग्रेस को ले देकर कर्नाटक में कुछ लाभ होगा ,
अब जहाँ कांग्रेस नंबर दो पर रहने वाली है, उन जगहों पर पहले और दुसरे चरण में चुनाव कराये जाने की अधिक सम्भावना है, ताकि ईवीएम् से छेड़छाड़ की जा सके,
टी. जार्ज शेषन के कार्यकाल में कांग्रेस अधिक डरी हुई थी, क्यूँकी चुनाव आयोग कहीं अधिक स्वतन्त्र व निष्पक्ष था, अब जब सरकार पूरी तरह से सीबीआई पर शिकंजा कस चुकी है, और चुनाव आयोग भी उसकी मुटठी में है, ऐसे में गड़बड़ी की सम्भावना अधिक बलवती हो गई है,
2. भारत की मशीनों को विश्वसनीय स्वतंत्र अनुसंधान के अधीन नहीं किया गया है, ईवीएम के संक्षिप्त उपयोग के साथ वोट के साथ छेड़छाड़ और संभावित चुनाव परिणामों को बदल सकते हैं, इस तरह के हमलों को किसी भी स्थानीय सर्वेक्षण अधिकारियों की भागीदारी के बिना पूरा किया जा सकता है. डिस्प्ले बोर्ड को एक ब्लूटूथ रेडियो कहते हैं,जिसके माध्यम से गड़ना होती है, जरा सी डिवाइस के जरिये हम ईवीएम् से परिणाम पहले ही जान सकते हैं, और यह भी ना हो तो भी कोई साफ्टवेयर ईवीएम् में पहले से ही छुपा हो सकता है, वायरलेस उपकरणों को छुपाने के लिए तकनीक बेहद आसान हैं और चुपके से अनगिनत तरीके में मतदान स्थानों में किया जा सकता है. निर्वाचन आयोग के दो विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के मुताबिक स्पष्ट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सुरक्षा क्रेडेंशियल्स के साथ वैज्ञानिकों द्वारा प्रदर्शन किया गया.और भरोसा जताया गया, इसके विपरीत जब कुछ वैज्ञानिकों ने असली मशीन के साथ अपने प्रयोगों का प्रदर्शन किया और काम कर रहे हमलों को प्रदर्शित किया, जिसके हिसाब से वोटों की हेराफेरी के अनगिनत तरीके निकले, पढ़ें लिंक:-
http://indiaevm.org/qa.html
90 सीटों पर कांग्रेस 15000 से 50,000 वोटों के अन्तर से नंबर दो की स्थिति पर रहेगी। अगर नंबर एक के 50,000 से 40,000 वोट नंबर दो को दे दिए जाएँ, तो अंतर 80,000 हजार से 1,00,000 वोटों का हो जायेगा, इसका मतलब जो कांग्रेस 116 सीटों पर सिमट रही है, वह 116+ 90= 206 पर आ जाएगी, यानि की सन् 2009 की सीटों के बराबर,
सारांश यह की फिर देश को घोटाले झेलने होंगे, फिर आंकड़ों में गरीब कम होंगे, और वास्तव में गरीबी और बढ़ेगी,
प्रस्तुति:- नीरज कौशिक
हो सकती है ईवीएम् से छेड़छाड़ बदल सकता है आपका वोट,
यकीन नहीं आता? तो जानिये कैसे?
मुख्यतः दो कारण सामने आते हैं,
1. ईवीएम् से छेड़छाड़ क्यूँ और किसलिये हो सकती है?
2. किसप्रकार हो सकती है ईवीएम् से छेड़छाड़?
तो जानिये
1. 2014 चुनाव में सीटों का सर्वेक्षण
एबीपी न्यूज- नील्सन के बाद मंगलवार को हैडलाइन टुडे-सी वोटर का जन सर्वेक्षण आया है। इस सर्वे की माने तो सन् 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 116 सीटों पर सिमट जानी है। मतलब उसे 90 सीटों का नुकसान होने वाला है। कांग्रेस के इस भारी नुकसान का फायदा छोटी और क्षेत्रिय पार्टियों को ज्यादा होगा। सन् 2009 के मुकाबले भाजपा के एनडीए को 27 सीटे ज्यादा मिलेगी जबकि तीसरे मोर्चे की छोटी-छोटी पार्टियों को 68 ज्यादा सीटे मिलेगी। मतलब कांग्रेस के भारी नुकसान में आंध्रप्रदेश में जगनमोहन और तमिलनाडु में जयललिता को अधिक लाभ होगा। कांग्रेस को ले देकर कर्नाटक में कुछ लाभ होगा ,
अब जहाँ कांग्रेस नंबर दो पर रहने वाली है, उन जगहों पर पहले और दुसरे चरण में चुनाव कराये जाने की अधिक सम्भावना है, ताकि ईवीएम् से छेड़छाड़ की जा सके,
टी. जार्ज शेषन के कार्यकाल में कांग्रेस अधिक डरी हुई थी, क्यूँकी चुनाव आयोग कहीं अधिक स्वतन्त्र व निष्पक्ष था, अब जब सरकार पूरी तरह से सीबीआई पर शिकंजा कस चुकी है, और चुनाव आयोग भी उसकी मुटठी में है, ऐसे में गड़बड़ी की सम्भावना अधिक बलवती हो गई है,
2. भारत की मशीनों को विश्वसनीय स्वतंत्र अनुसंधान के अधीन नहीं किया गया है, ईवीएम के संक्षिप्त उपयोग के साथ वोट के साथ छेड़छाड़ और संभावित चुनाव परिणामों को बदल सकते हैं, इस तरह के हमलों को किसी भी स्थानीय सर्वेक्षण अधिकारियों की भागीदारी के बिना पूरा किया जा सकता है. डिस्प्ले बोर्ड को एक ब्लूटूथ रेडियो कहते हैं,जिसके माध्यम से गड़ना होती है, जरा सी डिवाइस के जरिये हम ईवीएम् से परिणाम पहले ही जान सकते हैं, और यह भी ना हो तो भी कोई साफ्टवेयर ईवीएम् में पहले से ही छुपा हो सकता है, वायरलेस उपकरणों को छुपाने के लिए तकनीक बेहद आसान हैं और चुपके से अनगिनत तरीके में मतदान स्थानों में किया जा सकता है. निर्वाचन आयोग के दो विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के मुताबिक स्पष्ट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सुरक्षा क्रेडेंशियल्स के साथ वैज्ञानिकों द्वारा प्रदर्शन किया गया.और भरोसा जताया गया, इसके विपरीत जब कुछ वैज्ञानिकों ने असली मशीन के साथ अपने प्रयोगों का प्रदर्शन किया और काम कर रहे हमलों को प्रदर्शित किया, जिसके हिसाब से वोटों की हेराफेरी के अनगिनत तरीके निकले, पढ़ें लिंक:-
http://indiaevm.org/qa.html
90 सीटों पर कांग्रेस 15000 से 50,000 वोटों के अन्तर से नंबर दो की स्थिति पर रहेगी। अगर नंबर एक के 50,000 से 40,000 वोट नंबर दो को दे दिए जाएँ, तो अंतर 80,000 हजार से 1,00,000 वोटों का हो जायेगा, इसका मतलब जो कांग्रेस 116 सीटों पर सिमट रही है, वह 116+ 90= 206 पर आ जाएगी, यानि की सन् 2009 की सीटों के बराबर,
सारांश यह की फिर देश को घोटाले झेलने होंगे, फिर आंकड़ों में गरीब कम होंगे, और वास्तव में गरीबी और बढ़ेगी,
प्रस्तुति:- नीरज कौशिक
Friday, 26 July 2013
Health Solutions...........Medicine General Information................
Latest updatesThis message is from a group of Doctors in India:
(forwarded in public interest) (share it )
1) Do not drink APPY FIZZ. It contains Cancer causing agent..
2) Don't eat Mentos before or after drinking Coke or Pepsi because the Person will die immediately as the mixture becomes CYANIDE..
3) Don't eat Kurkure because it contains high amount of Plastic.
If you don't believe burn Kurkure and you can see Plastic melting.!
(News report from"Times of India")
4) Avoid these Tablets, they are very dangerous:
* D-cold
* Vicks Action-500
* Actified
* Coldarin
* Cosome
* Nice
* Nimulid
* Cetrizet-D
They contain Phenyl Propanol-Amide PPA. Which causes Strokes&Are banned in USA...!
Please, before deleting, HELP your frnds by passing it..!
Let it reach d 121 crores Indians.
(forwarded in public interest) (share it )
1) Do not drink APPY FIZZ. It contains Cancer causing agent..
2) Don't eat Mentos before or after drinking Coke or Pepsi because the Person will die immediately as the mixture becomes CYANIDE..
3) Don't eat Kurkure because it contains high amount of Plastic.
If you don't believe burn Kurkure and you can see Plastic melting.!
(News report from"Times of India")
4) Avoid these Tablets, they are very dangerous:
* D-cold
* Vicks Action-500
* Actified
* Coldarin
* Cosome
* Nice
* Nimulid
* Cetrizet-D
They contain Phenyl Propanol-Amide PPA. Which causes Strokes&Are banned in USA...!
Please, before deleting, HELP your frnds by passing it..!
Let it reach d 121 crores Indians.
Supreme Court Guidelines For Arresting Judicial Officer.................
Supreme Court Guidelines before arresting the Judicial Officer.......................
The Madras High Court has initiated suo motu contempt proceedings against a woman Superintendent of Police and four of her subordinates over the arrest of a Judicial Magistrate. The Court came down vehemently on the Police for deliberately violating the guidelines issued by the Supreme Court concerning arrest of judicial officers.
The Court said, “Blatant misuse of powers and showing scant regard and disrespect to the guidelines issued by the Supreme Court, have compelled us to take a suo motu action for contempt by five police officers and three constables. By this action, the Police had lowered the authority of the court in the eye of the general public, which prima facie amounts to contempt of court.”
Four days ago, Conoor Fast Track Court Magistrate, S Thangaraj was arrested after a complaint received from one woman sub-inspector. She alleged that Thangaraj had known her for more than a year and a half, while he was a practising lawyer and they were involved in a sexual relationship under the promise of marriage. She says, Thangaraj started avoiding her after becoming magistrate and married another woman. She complained of rape, intimidation and cheating against Thangaraj.
The Supreme Court in Delhi Judicial Service vs State Of Gujarat has laid down guidelines regarding arrest of judicial officers and the arrest of Thangaraj seems to be against these guidelines. The guidelines are listed below.
(A) If a judicial officer is to be arrested for some offence, it should be done under intimation to the District Judge or the High Court as the case may be.
(B) If facts and circumstances necessitate the immediate arrest of a judicial officer of the subordinate judiciary, a technical or formal arrest may be effected.
(C) The facts of such arrest should be immediately communicated to the District and Sessions Judge of the concerned District and the Chief Justice of the High Court.
(D) The Judicial Officer so arrested shall not be taken to a police station, without the prior order or directions of the District & Sessions Judge of the concerned District, if available.
(E) Immediate facilities shall be provided to the Judicial Officer to communication with his family members, legal advisers and Judicial Officers, including the District & Sessions Judge.
(F) No statement of a Judicial Officer who is under arrest be recorded nor any panchnama be drawn up nor any medical tests be conducted except in the presence of the Legal Adviser of the Judicial Officer concerned or another Judicial Office of equal or higher rank, it’ available.
(G) There should be no handcuffing of a Judicial Officer. If, however, violent resistance to arrest is offered or there is imminent need to effect physical arrest in order to avert danger to life and limb, the person resisting arrest may be over-powered and’ handcuffed. In such case, immediate report shall be made to the District & Sessions Judge concerned and also to the Chief Justice of the High Court. But the burden would be on the Police to establish necessity for effecting physical arrest and handcuffing the Judicial Officer and if it be established that the physical arrest and handcuffing of the Judicial Officer was unjustified, the Police Officers causing or responsible for such arrest and handcuffing would be guilty of misconduct and would also be personally liable for compensation and/or damages as may be summarily determined by the High Court
The Court said, “Blatant misuse of powers and showing scant regard and disrespect to the guidelines issued by the Supreme Court, have compelled us to take a suo motu action for contempt by five police officers and three constables. By this action, the Police had lowered the authority of the court in the eye of the general public, which prima facie amounts to contempt of court.”
Four days ago, Conoor Fast Track Court Magistrate, S Thangaraj was arrested after a complaint received from one woman sub-inspector. She alleged that Thangaraj had known her for more than a year and a half, while he was a practising lawyer and they were involved in a sexual relationship under the promise of marriage. She says, Thangaraj started avoiding her after becoming magistrate and married another woman. She complained of rape, intimidation and cheating against Thangaraj.
The Supreme Court in Delhi Judicial Service vs State Of Gujarat has laid down guidelines regarding arrest of judicial officers and the arrest of Thangaraj seems to be against these guidelines. The guidelines are listed below.
(A) If a judicial officer is to be arrested for some offence, it should be done under intimation to the District Judge or the High Court as the case may be.
(B) If facts and circumstances necessitate the immediate arrest of a judicial officer of the subordinate judiciary, a technical or formal arrest may be effected.
(C) The facts of such arrest should be immediately communicated to the District and Sessions Judge of the concerned District and the Chief Justice of the High Court.
(D) The Judicial Officer so arrested shall not be taken to a police station, without the prior order or directions of the District & Sessions Judge of the concerned District, if available.
(E) Immediate facilities shall be provided to the Judicial Officer to communication with his family members, legal advisers and Judicial Officers, including the District & Sessions Judge.
(F) No statement of a Judicial Officer who is under arrest be recorded nor any panchnama be drawn up nor any medical tests be conducted except in the presence of the Legal Adviser of the Judicial Officer concerned or another Judicial Office of equal or higher rank, it’ available.
(G) There should be no handcuffing of a Judicial Officer. If, however, violent resistance to arrest is offered or there is imminent need to effect physical arrest in order to avert danger to life and limb, the person resisting arrest may be over-powered and’ handcuffed. In such case, immediate report shall be made to the District & Sessions Judge concerned and also to the Chief Justice of the High Court. But the burden would be on the Police to establish necessity for effecting physical arrest and handcuffing the Judicial Officer and if it be established that the physical arrest and handcuffing of the Judicial Officer was unjustified, the Police Officers causing or responsible for such arrest and handcuffing would be guilty of misconduct and would also be personally liable for compensation and/or damages as may be summarily determined by the High Court
Health Solutions------------------अर्जुन : हृदय रोग की जड़ी
अर्जुन : हृदय रोग की जड़ी
शरीर शास्त्री वैज्ञानिकों और चिकित्सकों ने अनुसंधान व प्रयोगों में 'अर्जुन' वृक्ष को हृदय रोग की चिकित्सा में बहुत गुणकारी पाया है।सुरेश चौहान
आयुर्वेद ने तो सदियों पहले इसे हृदय रोग की महान औषधि घोषित कर दिया था। आयुर्वेद के प्राचीन विद्वानों में वाग्भट, चक्रदत्त और भावमिश्र ने इसे हृदय रोग की महौषधि स्वीकार किया है।
विभिन्न भाषाओं में नाम : संस्कृत- ककुभ। हिन्दी- अर्जुन, कोह। मराठी- अर्जुन सादड़ा। गुजराती- सादड़ो । तेलुगू- तेल्लमद्दि। कन्नड़- मद्दि। तमिल मरुतै, बेल्म। इंग्लिश- अर्जुना। लैटिन- टरमिनेलिया अर्जुन।
गुण : यह शीतल, हृदय को हितकारी, कसैला और क्षत, क्षय, विष, रुधिर विकार, मेद, प्रमेह, व्रण, कफ तथा पित्त को नष्ट करता है।सुरेश चौहान
परिचय : इसका वृक्ष 60 से 80 फीट तक ऊंचा होता है। इसके पत्ते अमरूद के पत्तों जैसे होते हैं। यह विशेषकर हिमालय की तराई, बंगाल, बिहार और मध्यप्रदेश के जंगलों में और नदी-नालों के किनारे पंक्तिबद्ध लगा हुआ पाया जाता है। ग्रीष्म ऋतु में फल पकते हैं।
उपयोग : इसका मुख्य उपयोग हृदय रोग के उपचार में किया जाता है। यह हृदय रोग की महाऔषधि माना जाता है। इसके अलावा इसका उपयोग रक्तपित्त, प्रमेह, मूत्राघात, शुक्रमेह, रक्तातिसार तथा क्षय और खांसी में भी लाभप्रद रहता है।सुरेश चौहान
हृदय रोग : हृदय रोग के रोगी के लिए अर्जुनारिष्ट का सेवन बहुत लाभप्रद सिद्ध हुआ है। दोनों वक्त भोजन के बाद 2-2 चम्मच (बड़ा चम्मच) यानी 20-20 मि.ली. मात्रा में अर्जुनारिष्ट आधा कप पानी में डालकर 2-3 माह तक निरंतर पीना चाहिए। इसके साथ ही इसकी छाल का महीन चूर्ण कपड़े से छानकर 3-3 ग्राम (आधा छोटा चम्मच) मात्रा में ताजे पानी के साथ सुबह-शाम सेवन करना चाहिए।
रक्तपित्त : चरक के अनुसार, इसकी छाल रातभर पानी में भिगोकर रखें, सुबह इसे मसल-छानकर या काढ़ा बनाकर पीने से रक्तपित्त नामक व्याधि दूर हो जाती है।
मूत्राघात : पेशाब की रुकावट होने पर इसकी अंतरछाल को कूट-पीसकर 2 कप पानी में डालकर उबालें। जब आधा कप पानी शेष बचे, तब उतारकर छान लें और रोगी को पिला दें। इससे पेशाब की रुकावट दूर हो जाती है। लाभ होने तक दिन में एक बार पिलाएं।
खांसी : अर्जुन की छाल को सुखा लें और कूट-पीसकर महीन चूर्ण कर लें। ताजे हरे अडूसे के पत्तों का रस निकालकर इस चूर्ण में डाल दें और चूर्ण सुखा लें, फिर से इसमें अडूसे के पत्तों का रस डालकर सुखा लें। ऐसा सात बार करके चूर्ण को खूब सुखाकर पैक बंद शीशी में भर लें। इस चूर्ण को 3 ग्राम (छोटा आधा चम्मच) मात्रा में शहद में मिलाकर चटाने से रोगी को खांसी में आराम हो जाता है।सुरेश चौहान
शरीर शास्त्री वैज्ञानिकों और चिकित्सकों ने अनुसंधान व प्रयोगों में 'अर्जुन' वृक्ष को हृदय रोग की चिकित्सा में बहुत गुणकारी पाया है।सुरेश चौहान
आयुर्वेद ने तो सदियों पहले इसे हृदय रोग की महान औषधि घोषित कर दिया था। आयुर्वेद के प्राचीन विद्वानों में वाग्भट, चक्रदत्त और भावमिश्र ने इसे हृदय रोग की महौषधि स्वीकार किया है।
विभिन्न भाषाओं में नाम : संस्कृत- ककुभ। हिन्दी- अर्जुन, कोह। मराठी- अर्जुन सादड़ा। गुजराती- सादड़ो । तेलुगू- तेल्लमद्दि। कन्नड़- मद्दि। तमिल मरुतै, बेल्म। इंग्लिश- अर्जुना। लैटिन- टरमिनेलिया अर्जुन।
गुण : यह शीतल, हृदय को हितकारी, कसैला और क्षत, क्षय, विष, रुधिर विकार, मेद, प्रमेह, व्रण, कफ तथा पित्त को नष्ट करता है।सुरेश चौहान
परिचय : इसका वृक्ष 60 से 80 फीट तक ऊंचा होता है। इसके पत्ते अमरूद के पत्तों जैसे होते हैं। यह विशेषकर हिमालय की तराई, बंगाल, बिहार और मध्यप्रदेश के जंगलों में और नदी-नालों के किनारे पंक्तिबद्ध लगा हुआ पाया जाता है। ग्रीष्म ऋतु में फल पकते हैं।
उपयोग : इसका मुख्य उपयोग हृदय रोग के उपचार में किया जाता है। यह हृदय रोग की महाऔषधि माना जाता है। इसके अलावा इसका उपयोग रक्तपित्त, प्रमेह, मूत्राघात, शुक्रमेह, रक्तातिसार तथा क्षय और खांसी में भी लाभप्रद रहता है।सुरेश चौहान
हृदय रोग : हृदय रोग के रोगी के लिए अर्जुनारिष्ट का सेवन बहुत लाभप्रद सिद्ध हुआ है। दोनों वक्त भोजन के बाद 2-2 चम्मच (बड़ा चम्मच) यानी 20-20 मि.ली. मात्रा में अर्जुनारिष्ट आधा कप पानी में डालकर 2-3 माह तक निरंतर पीना चाहिए। इसके साथ ही इसकी छाल का महीन चूर्ण कपड़े से छानकर 3-3 ग्राम (आधा छोटा चम्मच) मात्रा में ताजे पानी के साथ सुबह-शाम सेवन करना चाहिए।
रक्तपित्त : चरक के अनुसार, इसकी छाल रातभर पानी में भिगोकर रखें, सुबह इसे मसल-छानकर या काढ़ा बनाकर पीने से रक्तपित्त नामक व्याधि दूर हो जाती है।
मूत्राघात : पेशाब की रुकावट होने पर इसकी अंतरछाल को कूट-पीसकर 2 कप पानी में डालकर उबालें। जब आधा कप पानी शेष बचे, तब उतारकर छान लें और रोगी को पिला दें। इससे पेशाब की रुकावट दूर हो जाती है। लाभ होने तक दिन में एक बार पिलाएं।
खांसी : अर्जुन की छाल को सुखा लें और कूट-पीसकर महीन चूर्ण कर लें। ताजे हरे अडूसे के पत्तों का रस निकालकर इस चूर्ण में डाल दें और चूर्ण सुखा लें, फिर से इसमें अडूसे के पत्तों का रस डालकर सुखा लें। ऐसा सात बार करके चूर्ण को खूब सुखाकर पैक बंद शीशी में भर लें। इस चूर्ण को 3 ग्राम (छोटा आधा चम्मच) मात्रा में शहद में मिलाकर चटाने से रोगी को खांसी में आराम हो जाता है।सुरेश चौहान
Health Solutions----------Vegetarian Protien Sources
Top 10 Sources of veggies , where do you get your protein ~
Subscribe Here to get Daily Health Tips - http://mht.co.in/Subscribe-here
Subscribe Here to get Daily Health Tips - http://mht.co.in/Subscribe-here
Health solutions--------harmful Effects of Cellphone..........
सेल फोन के अति उपयोग से होनेवाली हानिया और उससे बचने के उपाय: सुरेश चौहान
१. हो सके तो सन्देश भेजकर ही बात करे:
> सन्देश से वार्तालाप करने से फोन आपके मस्तिष्क से दूर रहेगा जिस से रेडिएसन का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।
२. सेल फोन का उपयोग कम करे:
> विश्व स्वास्थ संस्था(who) के अनुसार अगर दिन के ३० मिनट के दर से दस वर्ष तक बाते की जाए तो ब्रेन केंसर की संभावना सबसे अधिक रहती है।
३. बात लम्बी चलनेवाली हो तो सेल फोन से बारी बारी दाए-बाए कान से बात करे:
> सेल फोन के ज्यादा उपयोग से श्रवन इन्द्रिय को हानि पहुच सकती है और 'टिनिटस' नामका रोग हो सकता है की जिसमे रिंग-टोन का आवाज़ कान में गूंजता रहता है।
४. सिग्नल न मिलने की स्थिति में सेल फोन का उपयोग न करे:
> सिग्नल पाने के लिए सेल फ़ोन अपनेआप पावर आउट-पुट बढ़ा देता है।
५. चलती गाड़ी में सेल फोन का प्रयोग न करे:
> एक टावर से दुसरे टावर के प्रभाव में आते ही सेल फोन पावर आउट-पुट बढ़ा देता है जिससे विद्युत् चुम्बकीय क्षेत्र में रेडिएसन बढ़ जाता है।
६. बात करते समय हो सके उतना सेल फोन को कान से दूर रखे:
> फोन कान से सिर्फ ५से.मी दूर रखने से रेडिएसन की मात्रा में ७५% जितनी कमी होती है।
७. सामान्य इअर-फोन का प्रयोग न करे:
> इअर-फोन खुद टावर के माइक्रोवेव प्राप्त करते है जो सीधे कान में जाते है.इससे रेडिएसन की मात्रा ३००% बढ़ जाती है।
८. एयर-ट्यूब इअर-फोन का प्रयोग करे:
> एयर-ट्यूब इअर फोन में वाहक धातु न होने के कारन वह रेडिएसन प्राप्त नहीं करता है।
९. चाइनिस फोन का प्रयोग न करे:
> सबसे ज्यादा रेडिएसन चाइनिस फोन से होता है.इसमे SAR (स्पेसिफिक अएब्सोप्सर्न रेट) के अंक गल़त लिखे हुवे पाए गए है।सुरेश चौहान
जय हिन्द जय भारत
१. हो सके तो सन्देश भेजकर ही बात करे:
> सन्देश से वार्तालाप करने से फोन आपके मस्तिष्क से दूर रहेगा जिस से रेडिएसन का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।
२. सेल फोन का उपयोग कम करे:
> विश्व स्वास्थ संस्था(who) के अनुसार अगर दिन के ३० मिनट के दर से दस वर्ष तक बाते की जाए तो ब्रेन केंसर की संभावना सबसे अधिक रहती है।
३. बात लम्बी चलनेवाली हो तो सेल फोन से बारी बारी दाए-बाए कान से बात करे:
> सेल फोन के ज्यादा उपयोग से श्रवन इन्द्रिय को हानि पहुच सकती है और 'टिनिटस' नामका रोग हो सकता है की जिसमे रिंग-टोन का आवाज़ कान में गूंजता रहता है।
४. सिग्नल न मिलने की स्थिति में सेल फोन का उपयोग न करे:
> सिग्नल पाने के लिए सेल फ़ोन अपनेआप पावर आउट-पुट बढ़ा देता है।
५. चलती गाड़ी में सेल फोन का प्रयोग न करे:
> एक टावर से दुसरे टावर के प्रभाव में आते ही सेल फोन पावर आउट-पुट बढ़ा देता है जिससे विद्युत् चुम्बकीय क्षेत्र में रेडिएसन बढ़ जाता है।
६. बात करते समय हो सके उतना सेल फोन को कान से दूर रखे:
> फोन कान से सिर्फ ५से.मी दूर रखने से रेडिएसन की मात्रा में ७५% जितनी कमी होती है।
७. सामान्य इअर-फोन का प्रयोग न करे:
> इअर-फोन खुद टावर के माइक्रोवेव प्राप्त करते है जो सीधे कान में जाते है.इससे रेडिएसन की मात्रा ३००% बढ़ जाती है।
८. एयर-ट्यूब इअर-फोन का प्रयोग करे:
> एयर-ट्यूब इअर फोन में वाहक धातु न होने के कारन वह रेडिएसन प्राप्त नहीं करता है।
९. चाइनिस फोन का प्रयोग न करे:
> सबसे ज्यादा रेडिएसन चाइनिस फोन से होता है.इसमे SAR (स्पेसिफिक अएब्सोप्सर्न रेट) के अंक गल़त लिखे हुवे पाए गए है।सुरेश चौहान
जय हिन्द जय भारत
Health Solutions ---------------------Snake Bite
दोस्तो सबसे पहले साँपो के बारे मे एक महत्वपूर्ण बात आप ये जान लीजिये !
कि अपने देश भारत मे 550 किस्म के साँप है ! जैसे एक cobra है ,viper है
,karit है ! ऐसी 550 किस्म की साँपो की जातियाँ हैं ! इनमे से मुश्किल से
10 साँप है जो जहरीले है सिर्फ 10 ! बाकी सब non poisonous है! इसका मतलब
ये हुआ 540 साँप ऐसे है जिनके काटने से आपको कुछ नहीं होगा !! बिलकुल
चिंता मत करिए !
लेकिन साँप के काटने का डर इतना है (हाय साँप ने काट लिया ) और कि कई बार
आदमी heart attack से मर जाता है !जहर से नहीं मरता cardiac arrest से मर
जाता है ! तो डर इतना है मन मे ! तो ये डर निकलना चाहिए !
वो डर कैसे निकलेगा ????
जब आपको ये पता होगा कि 550 तरह के साँप है उनमे से सिर्फ 10 साँप जहरीले
हैं ! जिनके काटने से कोई मरता है ! इनमे से जो सबसे जहरीला साँप है उसका
नाम है !
russell viper ! उसके बाद है karit इसके बाद है viper और एक है cobra !
king cobra जिसको आप कहते है काला नाग !! ये 4 तो बहुत ही खतरनाक और
जहरीले है इनमे से किसी ने काट लिया तो 99 % chances है कि death होगी !
लेकिन अगर आप थोड़ी होशियारी दिखाये तो आप रोगी को बचा सकते हैं
होशियारी क्या दिखनी है ???
आपने देखा होगा साँप जब भी काटता है तो उसके दो दाँत है जिनमे जहर है जो
शरीर के मास के अंदर घुस जाते हैं ! और खून मे वो अपना जहर छोड़ देता है
! तो फिर ये जहर ऊपर की तरफ जाता है ! मान लीजिये हाथ पर साँप ने काट
लिया तो फिर जहर दिल की तरफ जाएगा उसके बाद पूरे शरीर मे पहुंचेगा ! ऐसे
ही अगर पैर पर काट लिया तो फिर ऊपर की और heart तक जाएगा और फिर पूरे
शरीर मे पहुंचेगा ! कहीं भी काटेगा तो दिल तक जाएगा ! और पूरे मे खून मे
पूरे शरीर मे उसे पहुँचने मे 3 घंटे लगेंगे !
मतलब ये है कि रोगी 3 घंटे तक तो नहीं ही मरेगा ! जब पूरे दिमाग के एक एक
हिस्से मे बाकी सब जगह पर जहर पहुँच जाएगा तभी उसकी death होगी otherwise
नहीं होगी ! तो 3 घंटे का time है रोगी को बचाने का और उस तीन घंटे मे
अगर आप कुछ कर ले तो बहुत अच्छा है !
क्या कर सकते हैं ?? ???
घर मे कोई पुराना इंजेक्शन (injection) हो तो उसे ले और आगे जहां
सुई(needle) लगी होती है वहाँ से काटे ! सुई(needle) जिस पलास्टिक मे फिट
होती है उस प्लास्टिक वाले हिस्से को काटे !! जैसे ही आप सुई के पीछे लगे
पलास्टिक वाले हिस्से को काटेंगे तो वो injection एक सक्षम पाईप की तरह
हो जाएगा ! बिलकुल वैसा ही जैसा होली के दिनो मे बच्चो की पिचकारी होती
है !
उसके बाद आप रोगी के शरीर पर जहां साँप ने काटा है वो निशान ढूँढे !
बिलकुल आसानी से मिल जाएगा क्यूंकि जहां साँप काटता है वहाँ कुछ सूजन आ
जाती है और दो निशान जिन पर हल्का खून लगा होता है आपको मिल जाएँगे ! अब
आपको वो injection( जिसका सुई वाला हिस्सा आपने काट दिया है) लेना है और
उन दो निशान मे से पहले एक निशान पर रख कर उसको खीचना है ! जैसी आप निशान
पर injection रखेंगे वो निशान पर चिपक जाएगा तो उसमे vacuum crate हो
जाएगा ! और आप खींचेगे तो खून उस injection मे भर जाएगा ! बिलकुल वैसे ही
जैसे बच्चे पिचकारी से पानी भरते हैं ! तो आप इंजेक्शन से खींचते रहिए
!और आप first time निकलेंगे तो देखेंगे कि उस खून का रंग हल्का blackish
होगा या dark होगा तो समझ लीजिये उसमे जहर मिक्स हो गया है !
तो जब तक वो dark और blackish रंग blood निकलता रहे आप खिंचीये ! तो वो
सारा निकल आएगा ! क्यूंकि साँप जो काटता है उसमे जहर ज्यादा नहीं होता है
0.5 मिलीग्राम के आस पास होता है क्यूंकि इससे ज्यादा उसके दाँतो मे रह
ही नहीं सकता ! तो 0.5 ,0.6 मिलीग्राम है दो तीन बार मे आपने खीच लिया तो
बाहर आ जाएगा ! और जैसे ही बाहर आएगा आप देखेंगे कि रोगी मे कुछ बदलाव आ
रहा है थोड़ी consciousness (चेतना) आ जाएगी ! साँप काटने से व्यकित
unconsciousness हो जाता है या semi consciousness हो जाता है और जहर को
बाहर खींचने से चेतना आ जाती है ! consciousness आ गई तो वो मरेगा नहीं !
तो ये आप उसके लिए first aid (प्राथमिक सहायता) कर सकते हैं !
इसी injection को आप बीच से कट कर दीजिये बिलकुल बीच कट कर दीजिये 50%
इधर 50% उधर ! तो आगे का जो छेद है उसका आकार और बढ़ जाएगा और खून और
जल्दी से उसमे भरेगा !
तो ये आप रोगी के लिए first aid (प्राथमिक सहायता) के लिए ये कर सकते हैं !
____________________________
दूसरा एक medicine आप चाहें तो हमेशा अपने घर मे रख सकते हैं बहुत सस्ती
है homeopathy मे आती है ! उसका नाम है NAJA (N A J A ) ! homeopathy
medicine है किसी भी homeopathy shop मे आपको मिल जाएगी ! और इसकी
potency है 200 ! आप दुकान पर जाकर कहें NAJA 200 देदो ! तो दुकानदार
आपको दे देगा ! ये 5 मिलीलीटर आप घर मे खरीद कर रख लीजिएगा 100 लोगो की
जान इससे बच जाएगी ! और इसकी कीमत सिर्फ पाँच रुपए है ! इसकी बोतल भी आती
है 100 मिलीग्राम की 70 से 80 रुपए की उससे आप कम से कम 10000 लोगो की
जान बचा सकते हैं जिनको साँप ने काटा है !
और ये जो medicine है NAJA ये दुनिया के सबसे खतरनाक साँप का ही poison
है जिसको कहते है क्रैक ! इस साँप का poison दुनिया मे सबसे खराब माना
जाता है ! इसके बारे मे कहते है अगर इसने किसी को काटा तो उसे भगवान ही
बचा सकता है ! medicine भी वहाँ काम नहीं करती उसी का ये poison है लेकिन
delusion form मे है तो घबराने की कोई बात नहीं ! आयुर्वेद का सिद्धांत
आप जानते है लोहा लोहे को काटता है तो जब जहर चला जाता है शरीर के अंदर
तो दूसरे साँप का जहर ही काम आता है !
तो ये NAJA 200 आप घर मे रख लीजिये !अब देनी कैसे है रोगी को वो आप जान लीजिये !
1 बूंद उसकी जीभ पर रखे और 10 मिनट बाद फिर 1 बूंद रखे और फिर 10 मिनट
बाद 1 बूंद रखे !! 3 बार डाल के छोड़ दीजिये !बस इतना काफी है !
और राजीव भाई video मे बताते है कि ये दवा रोगी की जिंदगी को हमेशा हमेशा
के लिए बचा लेगी ! और साँप काटने के एलोपेथी मे जो injection है वो आम
अस्तप्तालों मे नहीं मिल पाते ! डाक्टर आपको कहेगा इस अस्तपाताल मे ले
जाओ उसमे ले जाओ आदि आदि !!
और जो ये एलोपेथी वालो के पास injection है इसकी कीमत 10 से 15 हजार रुपए
है ! और अगर मिल जाएँ तो डाक्टर एक साथ 8 से -10 injection ठोक देता है !
कभी कभी 15 तक ठोक देता है मतलब लाख-डेड लाख तो आपका एक बार मे साफ !! और
यहाँ सिर्फ 10 रुपए की medicine से आप उसकी जान बचा सकते हैं !
और राजीव भाई इस video मे बताते है कि injection जितना effective है मैं
इस दवा(NAJA) की गारंटी लेता हूँ ये दवा एलोपेथी के injection से 100
गुना (times) ज्यादा effective है !
_____________
तो ये जानकारी आप हमेशा याद रखे पता नहीं कब काम आ जाए हो सकता है आपके
ही जीवन मे काम आ जाए ! या पड़ोसी के जीवन मे या किसी रिश्तेदार के काम आ
जाए! तो first aid के लिए injection की सुई काटने वाला तरीका और ये NAJA
200 hoeopathy दवा ! 10 - 10 मिनट बाद 1 - 1 बूंद तीन बार
रोगी की जान बचा सकती है !!
आपने पूरी post पढ़ी बहुत बहुत धन्यवाद !!
यहाँ जरूर click करे !
http://www.youtube.com/watch?v=IB-uIdN0nyk
कि अपने देश भारत मे 550 किस्म के साँप है ! जैसे एक cobra है ,viper है
,karit है ! ऐसी 550 किस्म की साँपो की जातियाँ हैं ! इनमे से मुश्किल से
10 साँप है जो जहरीले है सिर्फ 10 ! बाकी सब non poisonous है! इसका मतलब
ये हुआ 540 साँप ऐसे है जिनके काटने से आपको कुछ नहीं होगा !! बिलकुल
चिंता मत करिए !
लेकिन साँप के काटने का डर इतना है (हाय साँप ने काट लिया ) और कि कई बार
आदमी heart attack से मर जाता है !जहर से नहीं मरता cardiac arrest से मर
जाता है ! तो डर इतना है मन मे ! तो ये डर निकलना चाहिए !
वो डर कैसे निकलेगा ????
जब आपको ये पता होगा कि 550 तरह के साँप है उनमे से सिर्फ 10 साँप जहरीले
हैं ! जिनके काटने से कोई मरता है ! इनमे से जो सबसे जहरीला साँप है उसका
नाम है !
russell viper ! उसके बाद है karit इसके बाद है viper और एक है cobra !
king cobra जिसको आप कहते है काला नाग !! ये 4 तो बहुत ही खतरनाक और
जहरीले है इनमे से किसी ने काट लिया तो 99 % chances है कि death होगी !
लेकिन अगर आप थोड़ी होशियारी दिखाये तो आप रोगी को बचा सकते हैं
होशियारी क्या दिखनी है ???
आपने देखा होगा साँप जब भी काटता है तो उसके दो दाँत है जिनमे जहर है जो
शरीर के मास के अंदर घुस जाते हैं ! और खून मे वो अपना जहर छोड़ देता है
! तो फिर ये जहर ऊपर की तरफ जाता है ! मान लीजिये हाथ पर साँप ने काट
लिया तो फिर जहर दिल की तरफ जाएगा उसके बाद पूरे शरीर मे पहुंचेगा ! ऐसे
ही अगर पैर पर काट लिया तो फिर ऊपर की और heart तक जाएगा और फिर पूरे
शरीर मे पहुंचेगा ! कहीं भी काटेगा तो दिल तक जाएगा ! और पूरे मे खून मे
पूरे शरीर मे उसे पहुँचने मे 3 घंटे लगेंगे !
मतलब ये है कि रोगी 3 घंटे तक तो नहीं ही मरेगा ! जब पूरे दिमाग के एक एक
हिस्से मे बाकी सब जगह पर जहर पहुँच जाएगा तभी उसकी death होगी otherwise
नहीं होगी ! तो 3 घंटे का time है रोगी को बचाने का और उस तीन घंटे मे
अगर आप कुछ कर ले तो बहुत अच्छा है !
क्या कर सकते हैं ?? ???
घर मे कोई पुराना इंजेक्शन (injection) हो तो उसे ले और आगे जहां
सुई(needle) लगी होती है वहाँ से काटे ! सुई(needle) जिस पलास्टिक मे फिट
होती है उस प्लास्टिक वाले हिस्से को काटे !! जैसे ही आप सुई के पीछे लगे
पलास्टिक वाले हिस्से को काटेंगे तो वो injection एक सक्षम पाईप की तरह
हो जाएगा ! बिलकुल वैसा ही जैसा होली के दिनो मे बच्चो की पिचकारी होती
है !
उसके बाद आप रोगी के शरीर पर जहां साँप ने काटा है वो निशान ढूँढे !
बिलकुल आसानी से मिल जाएगा क्यूंकि जहां साँप काटता है वहाँ कुछ सूजन आ
जाती है और दो निशान जिन पर हल्का खून लगा होता है आपको मिल जाएँगे ! अब
आपको वो injection( जिसका सुई वाला हिस्सा आपने काट दिया है) लेना है और
उन दो निशान मे से पहले एक निशान पर रख कर उसको खीचना है ! जैसी आप निशान
पर injection रखेंगे वो निशान पर चिपक जाएगा तो उसमे vacuum crate हो
जाएगा ! और आप खींचेगे तो खून उस injection मे भर जाएगा ! बिलकुल वैसे ही
जैसे बच्चे पिचकारी से पानी भरते हैं ! तो आप इंजेक्शन से खींचते रहिए
!और आप first time निकलेंगे तो देखेंगे कि उस खून का रंग हल्का blackish
होगा या dark होगा तो समझ लीजिये उसमे जहर मिक्स हो गया है !
तो जब तक वो dark और blackish रंग blood निकलता रहे आप खिंचीये ! तो वो
सारा निकल आएगा ! क्यूंकि साँप जो काटता है उसमे जहर ज्यादा नहीं होता है
0.5 मिलीग्राम के आस पास होता है क्यूंकि इससे ज्यादा उसके दाँतो मे रह
ही नहीं सकता ! तो 0.5 ,0.6 मिलीग्राम है दो तीन बार मे आपने खीच लिया तो
बाहर आ जाएगा ! और जैसे ही बाहर आएगा आप देखेंगे कि रोगी मे कुछ बदलाव आ
रहा है थोड़ी consciousness (चेतना) आ जाएगी ! साँप काटने से व्यकित
unconsciousness हो जाता है या semi consciousness हो जाता है और जहर को
बाहर खींचने से चेतना आ जाती है ! consciousness आ गई तो वो मरेगा नहीं !
तो ये आप उसके लिए first aid (प्राथमिक सहायता) कर सकते हैं !
इसी injection को आप बीच से कट कर दीजिये बिलकुल बीच कट कर दीजिये 50%
इधर 50% उधर ! तो आगे का जो छेद है उसका आकार और बढ़ जाएगा और खून और
जल्दी से उसमे भरेगा !
तो ये आप रोगी के लिए first aid (प्राथमिक सहायता) के लिए ये कर सकते हैं !
____________________________
दूसरा एक medicine आप चाहें तो हमेशा अपने घर मे रख सकते हैं बहुत सस्ती
है homeopathy मे आती है ! उसका नाम है NAJA (N A J A ) ! homeopathy
medicine है किसी भी homeopathy shop मे आपको मिल जाएगी ! और इसकी
potency है 200 ! आप दुकान पर जाकर कहें NAJA 200 देदो ! तो दुकानदार
आपको दे देगा ! ये 5 मिलीलीटर आप घर मे खरीद कर रख लीजिएगा 100 लोगो की
जान इससे बच जाएगी ! और इसकी कीमत सिर्फ पाँच रुपए है ! इसकी बोतल भी आती
है 100 मिलीग्राम की 70 से 80 रुपए की उससे आप कम से कम 10000 लोगो की
जान बचा सकते हैं जिनको साँप ने काटा है !
और ये जो medicine है NAJA ये दुनिया के सबसे खतरनाक साँप का ही poison
है जिसको कहते है क्रैक ! इस साँप का poison दुनिया मे सबसे खराब माना
जाता है ! इसके बारे मे कहते है अगर इसने किसी को काटा तो उसे भगवान ही
बचा सकता है ! medicine भी वहाँ काम नहीं करती उसी का ये poison है लेकिन
delusion form मे है तो घबराने की कोई बात नहीं ! आयुर्वेद का सिद्धांत
आप जानते है लोहा लोहे को काटता है तो जब जहर चला जाता है शरीर के अंदर
तो दूसरे साँप का जहर ही काम आता है !
तो ये NAJA 200 आप घर मे रख लीजिये !अब देनी कैसे है रोगी को वो आप जान लीजिये !
1 बूंद उसकी जीभ पर रखे और 10 मिनट बाद फिर 1 बूंद रखे और फिर 10 मिनट
बाद 1 बूंद रखे !! 3 बार डाल के छोड़ दीजिये !बस इतना काफी है !
और राजीव भाई video मे बताते है कि ये दवा रोगी की जिंदगी को हमेशा हमेशा
के लिए बचा लेगी ! और साँप काटने के एलोपेथी मे जो injection है वो आम
अस्तप्तालों मे नहीं मिल पाते ! डाक्टर आपको कहेगा इस अस्तपाताल मे ले
जाओ उसमे ले जाओ आदि आदि !!
और जो ये एलोपेथी वालो के पास injection है इसकी कीमत 10 से 15 हजार रुपए
है ! और अगर मिल जाएँ तो डाक्टर एक साथ 8 से -10 injection ठोक देता है !
कभी कभी 15 तक ठोक देता है मतलब लाख-डेड लाख तो आपका एक बार मे साफ !! और
यहाँ सिर्फ 10 रुपए की medicine से आप उसकी जान बचा सकते हैं !
और राजीव भाई इस video मे बताते है कि injection जितना effective है मैं
इस दवा(NAJA) की गारंटी लेता हूँ ये दवा एलोपेथी के injection से 100
गुना (times) ज्यादा effective है !
_____________
तो ये जानकारी आप हमेशा याद रखे पता नहीं कब काम आ जाए हो सकता है आपके
ही जीवन मे काम आ जाए ! या पड़ोसी के जीवन मे या किसी रिश्तेदार के काम आ
जाए! तो first aid के लिए injection की सुई काटने वाला तरीका और ये NAJA
200 hoeopathy दवा ! 10 - 10 मिनट बाद 1 - 1 बूंद तीन बार
रोगी की जान बचा सकती है !!
आपने पूरी post पढ़ी बहुत बहुत धन्यवाद !!
यहाँ जरूर click करे !
http://www.youtube.com/watch?v=IB-uIdN0nyk
Thursday, 25 July 2013
PUC Case Format no. 6........Toilet Facility at Public Places
Respected Indian Citizens,
I am disclosing How you can Solve Problems of Public Interest of People in Your District................????????????????? You can do What your MLA / MP cannot do..................??????????????? These can be used in any District of India. Just Do as per Guidelines then see How People will Come with You.................?????????????????? I promise Wonderful Results as well as Public Image. Media will have to cover your News Story. For Any Doubt/ Clarification Contact me.................................Regard's
Manojj Kr. Vishwakarma
Public Utility Court Application Format------6------------------Toilet Facility at public places
----
I am disclosing How you can Solve Problems of Public Interest of People in Your District................????????????????? You can do What your MLA / MP cannot do..................??????????????? These can be used in any District of India. Just Do as per Guidelines then see How People will Come with You.................?????????????????? I promise Wonderful Results as well as Public Image. Media will have to cover your News Story. For Any Doubt/ Clarification Contact me.................................Regard's
Manojj Kr. Vishwakarma
Public Utility Court Application Format------6------------------Toilet Facility at public places
Health Solutions....................महौषधि है गौमूत्र ( केवल देशी गाय का ) ------
महौषधि है गौमूत्र ( केवल देशी गाय का ) ------------
_____________________________________________________
गौमूत्र मनुष्य जाति तथा वनस्पति जगत को प्राप्त होने वाला अमूल्य अनुदान
है। यह धर्मानुमोदित, प्राकृतिक, सहज प्राप्य हानिरहित, कल्याणकारी एवं
आरोग्यरक्षक रसायन है। गौमूत्र- योगियों का दिव्यपान है। इससे वे दिव्य
शक्ति पाते थे। गौमूत्र में गंगा ने वास किया है। यह सर्वपाप नाशक है।
अमेरिका में अनुसंधान से सिध्द हो गया है कि विटामिन बी गौ के पेट में सदा
ही रहता है। यह सतोगुणी रस है व विचारों में सात्विकता लाता है। 6 मास
लगातार पीने से आदमी की प्रकृति सतोगुणी हो जाती है। यह रजोगुण व तमोगुण का
नाशक है। शरीरगत विष भी पूर्ण रूप से मूत्र, पसीना व मलांश के द्वारा बाहर
निकलता है।यह मनोरोग नाशक है। विष को शमन करने में गौमूत्र पूर्ण समर्थ
है। आयुर्वेद की बहुत सी विषैली जड़ी-बूटियों व विष के पदार्थ गौमूत्र से
ही शुध्द किये जाते हैं।सुरेश चौहान
गौ क्या है? गौ मूत्र क्या है?-
गौ में सब देवताओं का वास है। यह कामधेनु का स्वरूप है। सभी नक्षत्र कि
किरणों का यह रिसीवर है, अतएव सबका प्रभाव इसी में है।जहां गौ है, वहां सब
नक्षत्रों काप्रभाव रहता है। गौ ही ऐसा दिव्य प्राणी है, जिसकी रीढ़ की
हड्डी में अंदर सूर्यकेतु नाड़ी होती हैइसलिये दूध, मक्खन, घी, स्वर्ण आभा
वाला है, क्योंकि सूर्यकेतु नाड़ी सूर्य की किरणों के द्वारा रक्त में
स्वर्णक्षार बनाती है। यही स्वर्णक्षार गौ रस में विद्यमान है।
गौमूत्र :
गौ के रक्त में प्राणशक्ति होती है। गौमूत्र रक्त का गुर्दों द्वारा छना
हुआ भाग है। गुर्दे रक्त को छानते हैं। जो भी तत्व इसके रक्त में होते हैं
वही तत्व गौमूत्र में है।
गौमूत्र का चमत्कारिक प्रभाव सुरेश चौहान
• कीटाणुओं से होने वाली सभी प्रकार की बीमारियां गौमूत्र से नष्ट होती है।
• *गौमूत्र शरीर में लिवर को सही कर स्वच्छ खून बनाकर किसी भी रोग का विरोध करने की शक्ति प्रदान करता है।
• *गौमूत्र में ऐसे सभी तत्व हैं जो हमारे शरीर के आरोग्यदायक तत्वों की कमी को पूरा करते हैं।
• *गौमूत्र को मेघ और हृघ कहा है। यह मस्तिष्क एवं हृदय को शक्ति प्रदान
करता है। मानसिक कारणों से होने वाले आघात से हृदय की रक्षा होती है।
•
*शरीर में किसी भी औषधि का अति प्रयोग हो जाने से तत्व शरीर में रहकर किसी
प्रकार से उपद्रव पैदाकरते हैं। उनको गौमूत्र अपनी विषनाशक शक्ति से नष्ट
कर रोगी को निरोग करता है।
• *गौमूत्र रसायन है। यह बुढ़ापा रोकता है।
• *शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने पर गौमूत्र उसकी आपूर्ति करता है।
• *गौमूत्र- मानव शरीर की रोग प्रतिरोधी शक्ति को बढ़ाकर रोगों को नाश करने की शक्ति प्रदान करता है।
रसायन मतानुसार गौमूत्र में निम्न रासायनिक तत्व पाये जाते हैं सुरेश चौहान
नाइट्रोजन, सल्फर, गंधक, अमोनिया, कापर, आयरन, ताम्र, यूरिया, यूरिक ऐसिड,
फास्फेट, सोडियम, पोटेशियम, मैग्नीज, कार्बोलिक एसिड, कैल्शियम, साल्ट,
विटामिन ए,बी,सी,डी, ई क्रियाटिनिन, स्वर्णक्षार
20 मिली गौमूत्र प्रात: सायं पीने से निम्न रोगों में लाभ होता है।
1. भूख की कमी, 2. अजीर्ण, 3. हर्निया, 4. मिर्गी, 5. चक्कर आना, 6.
बवासीर, 7. प्रमेह, 8.मधुमेह, 9.कब्ज, 10. उदररोग, 11. गैस, 12. लूलगना,
13.पीलिया, 14. खुजली, 15.मुखरोग, 16.ब्लडप्रेशर, 17.कुष्ठ रोग, 18.
जांडिस, 19. भगन्दर, 20. दन्तरोग, 21. नेत्र रोग, 22. धातु क्षीणता, 23.
जुकाम, 24. बुखार, 25. त्वचा रोग, 26. घाव, 27. सिरदर्द, 28. दमा, 29.
स्त्रीरोग, 30. स्तनरोग, 31.छिहीरिया, 32. अनिद्रा।
गौमूत्र प्रयोग का ढंग सुरेश चौहान
1. उसी गाय का मूत्र प्रयोग करें, जो वन की घास चरती हो और स्वच्छ जल पीती हो।
2. देशी गाय का ही गोमूत्र लें, जरसी गाय का नहीं।
3. रोगी, गर्भवती गाय का मूत्र प्रयोग न करें।
4. बिना व्याही गाय का मूत्र अधिकअच्छा है।
5. ताजा गौमूत्र प्रयोग करें।
6. मिट्टी, कांच, स्टील के बर्तन में ही गौमूत्र रखें। सुरेश चौहान
महौषधि है गौमूत्र ( केवल देशी गाय का ) ------------
_____________________________________________________
गौमूत्र मनुष्य जाति तथा वनस्पति जगत को प्राप्त होने वाला अमूल्य अनुदान है। यह धर्मानुमोदित, प्राकृतिक, सहज प्राप्य हानिरहित, कल्याणकारी एवं आरोग्यरक्षक रसायन है। गौमूत्र- योगियों का दिव्यपान है। इससे वे दिव्य शक्ति पाते थे। गौमूत्र में गंगा ने वास किया है। यह सर्वपाप नाशक है। अमेरिका में अनुसंधान से सिध्द हो गया है कि विटामिन बी गौ के पेट में सदा ही रहता है। यह सतोगुणी रस है व विचारों में सात्विकता लाता है। 6 मास लगातार पीने से आदमी की प्रकृति सतोगुणी हो जाती है। यह रजोगुण व तमोगुण का नाशक है। शरीरगत विष भी पूर्ण रूप से मूत्र, पसीना व मलांश के द्वारा बाहर निकलता है।यह मनोरोग नाशक है। विष को शमन करने में गौमूत्र पूर्ण समर्थ है। आयुर्वेद की बहुत सी विषैली जड़ी-बूटियों व विष के पदार्थ गौमूत्र से ही शुध्द किये जाते हैं।सुरेश चौहान
गौ क्या है? गौ मूत्र क्या है?-
गौ में सब देवताओं का वास है। यह कामधेनु का स्वरूप है। सभी नक्षत्र कि किरणों का यह रिसीवर है, अतएव सबका प्रभाव इसी में है।जहां गौ है, वहां सब नक्षत्रों काप्रभाव रहता है। गौ ही ऐसा दिव्य प्राणी है, जिसकी रीढ़ की हड्डी में अंदर सूर्यकेतु नाड़ी होती हैइसलिये दूध, मक्खन, घी, स्वर्ण आभा वाला है, क्योंकि सूर्यकेतु नाड़ी सूर्य की किरणों के द्वारा रक्त में स्वर्णक्षार बनाती है। यही स्वर्णक्षार गौ रस में विद्यमान है।
गौमूत्र :
गौ के रक्त में प्राणशक्ति होती है। गौमूत्र रक्त का गुर्दों द्वारा छना हुआ भाग है। गुर्दे रक्त को छानते हैं। जो भी तत्व इसके रक्त में होते हैं वही तत्व गौमूत्र में है।
गौमूत्र का चमत्कारिक प्रभाव सुरेश चौहान
• कीटाणुओं से होने वाली सभी प्रकार की बीमारियां गौमूत्र से नष्ट होती है।
• *गौमूत्र शरीर में लिवर को सही कर स्वच्छ खून बनाकर किसी भी रोग का विरोध करने की शक्ति प्रदान करता है।
• *गौमूत्र में ऐसे सभी तत्व हैं जो हमारे शरीर के आरोग्यदायक तत्वों की कमी को पूरा करते हैं।
• *गौमूत्र को मेघ और हृघ कहा है। यह मस्तिष्क एवं हृदय को शक्ति प्रदान करता है। मानसिक कारणों से होने वाले आघात से हृदय की रक्षा होती है।
• *शरीर में किसी भी औषधि का अति प्रयोग हो जाने से तत्व शरीर में रहकर किसी प्रकार से उपद्रव पैदाकरते हैं। उनको गौमूत्र अपनी विषनाशक शक्ति से नष्ट कर रोगी को निरोग करता है।
• *गौमूत्र रसायन है। यह बुढ़ापा रोकता है।
• *शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने पर गौमूत्र उसकी आपूर्ति करता है।
• *गौमूत्र- मानव शरीर की रोग प्रतिरोधी शक्ति को बढ़ाकर रोगों को नाश करने की शक्ति प्रदान करता है।
रसायन मतानुसार गौमूत्र में निम्न रासायनिक तत्व पाये जाते हैं सुरेश चौहान
नाइट्रोजन, सल्फर, गंधक, अमोनिया, कापर, आयरन, ताम्र, यूरिया, यूरिक ऐसिड, फास्फेट, सोडियम, पोटेशियम, मैग्नीज, कार्बोलिक एसिड, कैल्शियम, साल्ट, विटामिन ए,बी,सी,डी, ई क्रियाटिनिन, स्वर्णक्षार
20 मिली गौमूत्र प्रात: सायं पीने से निम्न रोगों में लाभ होता है।
1. भूख की कमी, 2. अजीर्ण, 3. हर्निया, 4. मिर्गी, 5. चक्कर आना, 6. बवासीर, 7. प्रमेह, 8.मधुमेह, 9.कब्ज, 10. उदररोग, 11. गैस, 12. लूलगना, 13.पीलिया, 14. खुजली, 15.मुखरोग, 16.ब्लडप्रेशर, 17.कुष्ठ रोग, 18. जांडिस, 19. भगन्दर, 20. दन्तरोग, 21. नेत्र रोग, 22. धातु क्षीणता, 23. जुकाम, 24. बुखार, 25. त्वचा रोग, 26. घाव, 27. सिरदर्द, 28. दमा, 29. स्त्रीरोग, 30. स्तनरोग, 31.छिहीरिया, 32. अनिद्रा।
गौमूत्र प्रयोग का ढंग सुरेश चौहान
1. उसी गाय का मूत्र प्रयोग करें, जो वन की घास चरती हो और स्वच्छ जल पीती हो।
2. देशी गाय का ही गोमूत्र लें, जरसी गाय का नहीं।
3. रोगी, गर्भवती गाय का मूत्र प्रयोग न करें।
4. बिना व्याही गाय का मूत्र अधिकअच्छा है।
5. ताजा गौमूत्र प्रयोग करें।
6. मिट्टी, कांच, स्टील के बर्तन में ही गौमूत्र रखें। सुरेश चौहान
_____________________________________________________
गौमूत्र मनुष्य जाति तथा वनस्पति जगत को प्राप्त होने वाला अमूल्य अनुदान है। यह धर्मानुमोदित, प्राकृतिक, सहज प्राप्य हानिरहित, कल्याणकारी एवं आरोग्यरक्षक रसायन है। गौमूत्र- योगियों का दिव्यपान है। इससे वे दिव्य शक्ति पाते थे। गौमूत्र में गंगा ने वास किया है। यह सर्वपाप नाशक है। अमेरिका में अनुसंधान से सिध्द हो गया है कि विटामिन बी गौ के पेट में सदा ही रहता है। यह सतोगुणी रस है व विचारों में सात्विकता लाता है। 6 मास लगातार पीने से आदमी की प्रकृति सतोगुणी हो जाती है। यह रजोगुण व तमोगुण का नाशक है। शरीरगत विष भी पूर्ण रूप से मूत्र, पसीना व मलांश के द्वारा बाहर निकलता है।यह मनोरोग नाशक है। विष को शमन करने में गौमूत्र पूर्ण समर्थ है। आयुर्वेद की बहुत सी विषैली जड़ी-बूटियों व विष के पदार्थ गौमूत्र से ही शुध्द किये जाते हैं।सुरेश चौहान
गौ क्या है? गौ मूत्र क्या है?-
गौ में सब देवताओं का वास है। यह कामधेनु का स्वरूप है। सभी नक्षत्र कि किरणों का यह रिसीवर है, अतएव सबका प्रभाव इसी में है।जहां गौ है, वहां सब नक्षत्रों काप्रभाव रहता है। गौ ही ऐसा दिव्य प्राणी है, जिसकी रीढ़ की हड्डी में अंदर सूर्यकेतु नाड़ी होती हैइसलिये दूध, मक्खन, घी, स्वर्ण आभा वाला है, क्योंकि सूर्यकेतु नाड़ी सूर्य की किरणों के द्वारा रक्त में स्वर्णक्षार बनाती है। यही स्वर्णक्षार गौ रस में विद्यमान है।
गौमूत्र :
गौ के रक्त में प्राणशक्ति होती है। गौमूत्र रक्त का गुर्दों द्वारा छना हुआ भाग है। गुर्दे रक्त को छानते हैं। जो भी तत्व इसके रक्त में होते हैं वही तत्व गौमूत्र में है।
गौमूत्र का चमत्कारिक प्रभाव सुरेश चौहान
• कीटाणुओं से होने वाली सभी प्रकार की बीमारियां गौमूत्र से नष्ट होती है।
• *गौमूत्र शरीर में लिवर को सही कर स्वच्छ खून बनाकर किसी भी रोग का विरोध करने की शक्ति प्रदान करता है।
• *गौमूत्र में ऐसे सभी तत्व हैं जो हमारे शरीर के आरोग्यदायक तत्वों की कमी को पूरा करते हैं।
• *गौमूत्र को मेघ और हृघ कहा है। यह मस्तिष्क एवं हृदय को शक्ति प्रदान करता है। मानसिक कारणों से होने वाले आघात से हृदय की रक्षा होती है।
• *शरीर में किसी भी औषधि का अति प्रयोग हो जाने से तत्व शरीर में रहकर किसी प्रकार से उपद्रव पैदाकरते हैं। उनको गौमूत्र अपनी विषनाशक शक्ति से नष्ट कर रोगी को निरोग करता है।
• *गौमूत्र रसायन है। यह बुढ़ापा रोकता है।
• *शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने पर गौमूत्र उसकी आपूर्ति करता है।
• *गौमूत्र- मानव शरीर की रोग प्रतिरोधी शक्ति को बढ़ाकर रोगों को नाश करने की शक्ति प्रदान करता है।
रसायन मतानुसार गौमूत्र में निम्न रासायनिक तत्व पाये जाते हैं सुरेश चौहान
नाइट्रोजन, सल्फर, गंधक, अमोनिया, कापर, आयरन, ताम्र, यूरिया, यूरिक ऐसिड, फास्फेट, सोडियम, पोटेशियम, मैग्नीज, कार्बोलिक एसिड, कैल्शियम, साल्ट, विटामिन ए,बी,सी,डी, ई क्रियाटिनिन, स्वर्णक्षार
20 मिली गौमूत्र प्रात: सायं पीने से निम्न रोगों में लाभ होता है।
1. भूख की कमी, 2. अजीर्ण, 3. हर्निया, 4. मिर्गी, 5. चक्कर आना, 6. बवासीर, 7. प्रमेह, 8.मधुमेह, 9.कब्ज, 10. उदररोग, 11. गैस, 12. लूलगना, 13.पीलिया, 14. खुजली, 15.मुखरोग, 16.ब्लडप्रेशर, 17.कुष्ठ रोग, 18. जांडिस, 19. भगन्दर, 20. दन्तरोग, 21. नेत्र रोग, 22. धातु क्षीणता, 23. जुकाम, 24. बुखार, 25. त्वचा रोग, 26. घाव, 27. सिरदर्द, 28. दमा, 29. स्त्रीरोग, 30. स्तनरोग, 31.छिहीरिया, 32. अनिद्रा।
गौमूत्र प्रयोग का ढंग सुरेश चौहान
1. उसी गाय का मूत्र प्रयोग करें, जो वन की घास चरती हो और स्वच्छ जल पीती हो।
2. देशी गाय का ही गोमूत्र लें, जरसी गाय का नहीं।
3. रोगी, गर्भवती गाय का मूत्र प्रयोग न करें।
4. बिना व्याही गाय का मूत्र अधिकअच्छा है।
5. ताजा गौमूत्र प्रयोग करें।
6. मिट्टी, कांच, स्टील के बर्तन में ही गौमूत्र रखें। सुरेश चौहान
Subscribe to:
Posts (Atom)