Thursday 25 July 2013

Health Solutions............Chakki ....at home

महान आयुर्वैदाचार्य वागभट्ट जी कहते है कि पिसा गेंहू का हुआ आटा 15 दिन से पुराना नही खाना चाहिए, जवार बाजरा चने का आटा 7 दिन पुराना न खाए क्यो कि इसके बाद इसमें पोष्ण कम होने लगता है, इसलिए भारत में चक्की है जो आपको ताजा आटा और स्वास्थय देती है, आप जो बाजार से आटा पिसवाते है या बाजार का लाते है वो बिजली की चक्की पर पिसता है जो बहुत तेजी से पिसता है जिस्से गर्मी की वजह से काफ़ी पोषक तत्व नष्ट हो जाते है, राजीव भाई ने एक रिसर्च किया चक्की पर अपने एक आयुर्वैदिक वैध मित्र के साथ मिलकर, उन्होने देखा जो माताए बहने चक्की चलाती है उन्हे कभी भी आप्रेशन से डिलवरी की जरूरत नही पडी और उन्हे कभी घुटनो का दर्द नही हुआ, पैरो का दर्द नही, मोटापा नही है

इसका कारण ये है कि जब हम चक्की चलाते है तो सारा दबाव आपके पेट पर पडता है जिससे महिलाओ के गर्भाश्य का व्यायाम होता रहता है जिस्से इसकी मुलायमियत (flexibility) बढ जाती है जिस्से डिलवरी आसानी से होती है बिना आप्रेशन बिना दर्द के, आपने सुना ही होगा कि कई साल पहले आपकी दादी नानी के जमाने में 8-10 बच्चे होते थे और गांव की दाई के द्वारा बिना आप्रेशन के
*मासिक धर्म बंद होने के समय जो मुश्किले महिलाओ को आती है उसका उपचार चक्की चलाने से अपने आप हो जाता है
*आयुर्वैद के अनुसार गर्भवती महिला 7वें महिने तक चक्की चला सकती है पर उसके बाद नही

आपको शायद ये भी पता होगा जो बच्चे आप्रेशन से हो रहे है वो ज्यादा बीमार रह रहे है सामान्य बच्चो से,
इसलिए आप अगर ताजा आटा खाकर स्वस्थ रहना चाहते है तो अपने घर चक्की ले आए जिस्से आपको स्वस्थय लाभ होगा, घर में माताओ बहनो को लाभ होगा, बीमारिया दूर होगी

हाथ की चक्की का महत्त्व एव लाभ ::

- आज मशीनीकरण ने महिलाओं के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डाला है।
- सुबह सुबह योग करते हुए हम आटा चक्की चलाने की सिर्फ एक्टिंग करते है और पेट , कमर की चर्बी कम होती है. दिल स्वस्थ रहता है.
- क्या ही अच्छा हो अगर ये एक्टिंग ना हो कर असली चक्की हो तो उस कसरत से हमें ताज़ा आटा भी मिल जाएगा !
- पहले गांवों में विवाह-शादी के दौरान भी आस-पास के घरों में एक-एक मण गेहूं पीसने के लिए दे दिया जाता था.
- कभी पूरे परिवार का आटा पीसने वाली चक्की अब कुछेक घर में महज शो पीस व सिर्फ मसाला आदि पीसने के काम आ रही है.
- इससे महिलाओ के गर्भाश्य का व्यायाम होता रहता है डिलवरी आसानी से होती है बिना आप्रेशन बिना दर्द के
- कई घरों में तो हाथ की चक्की है ही नहीं.तो आज ही ले आइये.खादी ग्रामोद्योग में यह मिल सकती है . इससे चक्की बनाने वालों को रोज़गार मिलेगा.
- चक्की लेते वक़्त ज़्यादा मोल भाव ना करे. गरीब व्यक्ति को दान योग्य दान है जिसका लाभ मिलेगा.
- महिलाओं द्वारा आटा पीसने से शारीरिक कसरत भी जबरदस्त होती थी, जिससे पुराने जमाने की महिलाओं का स्वास्थ्य बनिस्बत आधुनिक महिलाओं की तुलना में बेहरत है. आज विशेष तौर से नई पीढ़ी की अधिकांश महिलाएं कुंठा, तनाव सहित पेट की विभिन्न बीमारियों से पीड़ित है.इसका मुख्य कारण उनकी दिनचर्या अव्यवस्थित होना व शारीरिक श्रम नहीं होना है.
- पुरुष भी अगर बढे हुए पेट को कम करना चाहते है तो हाथ की चक्की पर रोज़ थोड़ा आटा पिसे. आप अगर रोजाना 15-20 मिण्ट चक्की चला लेते है तो 3 महीने में आपका वजन कम हो जाएगा, पेट अन्दर चला जाएगा
- ताजे पिसे हुए आटे में स्वास्थ्य से जुड़े फायदे तो मिलते ही हैं, इसका स्वाद व सुंगध भी बरकरार रहते हैं.
- शुद्धता के मामले में घरेलू आटा चक्की का आटा शत प्रतिशत खरा होता है।
- इसके बने आटे में शरीर के लिए पोषण संबंधी सभी आवश्यक तत्व मौजूद रहते हैं। वैसे शरीर को अपना काम करने के लिए 49 पोषक तत्वों की रोजाना आवश्यकता होती है।
सबसे बड़ी बात यह कि जब जरूरत हो तब आटा पीस लें।
- सबसे बड़ा फायदा यह कि फसल के मौसम में पूरे साल के लिए अनाज खरीद लें, जो सस्ता भी पड़ेगा और पूरे साल शुद्ध ताजे आटे की रोटियां का मजा लेंगे।
- हाथ कि चक्की से हाथ से पिसे गए अनाज में चोकर ज्यादा रहता था लेकिन आजकल बिजली की चक्की से पिसे अनाज का आटा उपयोग में लिया जाता है, जो बहुत बारीक़ पिसा जाता है.
- ताजा आटा विटामिन बी और विटामिन ई से भरपूर होता है।
- घर पर पिसे आटे की रोटियों का आनंद ही कुछ और होता है। इससे परिवार की सेहत के साथ-साथ आत्मसंतुष्टि भी प्राप्त हो रही है.
- मशीन चक्की से अनाज का हीर हट जाता है अर्थात उसकी शक्ति क्षीण हो जाती है।, जिससे आज की तमाम युवा पीढ़ी कमजोर होती जा रही है.
-वैसे भी चक्की को घर में रखना शुभ माना जाता है, इससे घर के वास्तुदोष भी कम होते

No comments:

Post a Comment