Sunday 28 July 2013

हो सकती है ईवीएम् से छेड़छाड़ बदल सकता है आपका वोट,

सावधान !!! अब तक का सबसे बड़ा और सबसे पहला खुलासा
हो सकती है ईवीएम् से छेड़छाड़ बदल सकता है आपका वोट,
यकीन नहीं आता? तो जानिये कैसे?
मुख्यतः दो कारण सामने आते हैं,
1. ईवीएम् से छेड़छाड़ क्यूँ और किसलिये हो सकती है?
2. किसप्रकार हो सकती है ईवीएम् से छेड़छाड़?
तो जानिये
1. 2014 चुनाव में सीटों का सर्वेक्षण
एबीपी न्यूज- नील्सन के बाद मंगलवार को हैडलाइन टुडे-सी वोटर का जन सर्वेक्षण आया है। इस सर्वे की माने तो सन् 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 116 सीटों पर सिमट जानी है। मतलब उसे 90 सीटों का नुकसान होने वाला है। कांग्रेस के इस भारी नुकसान का फायदा छोटी और क्षेत्रिय पार्टियों को ज्यादा होगा। सन् 2009 के मुकाबले भाजपा के एनडीए को 27 सीटे ज्यादा मिलेगी जबकि तीसरे मोर्चे की छोटी-छोटी पार्टियों को 68 ज्यादा सीटे मिलेगी। मतलब कांग्रेस के भारी नुकसान में आंध्रप्रदेश में जगनमोहन और तमिलनाडु में जयललिता को अधिक लाभ होगा। कांग्रेस को ले देकर कर्नाटक में कुछ लाभ होगा ,
अब जहाँ कांग्रेस नंबर दो पर रहने वाली है, उन जगहों पर पहले और दुसरे चरण में चुनाव कराये जाने की अधिक सम्भावना है, ताकि ईवीएम् से छेड़छाड़ की जा सके,
टी. जार्ज शेषन के कार्यकाल में कांग्रेस अधिक डरी हुई थी, क्यूँकी चुनाव आयोग कहीं अधिक स्वतन्त्र व निष्पक्ष था, अब जब सरकार पूरी तरह से सीबीआई पर शिकंजा कस चुकी है, और चुनाव आयोग भी उसकी मुटठी में है, ऐसे में गड़बड़ी की सम्भावना अधिक बलवती हो गई है,
2. भारत की मशीनों को विश्वसनीय स्वतंत्र अनुसंधान के अधीन नहीं किया गया है, ईवीएम के संक्षिप्त उपयोग के साथ वोट के साथ छेड़छाड़ और संभावित चुनाव परिणामों को बदल सकते हैं, इस तरह के हमलों को किसी भी स्थानीय सर्वेक्षण अधिकारियों की भागीदारी के बिना पूरा किया जा सकता है. डिस्प्ले बोर्ड को एक ब्लूटूथ रेडियो कहते हैं,जिसके माध्यम से गड़ना होती है, जरा सी डिवाइस के जरिये हम ईवीएम् से परिणाम पहले ही जान सकते हैं, और यह भी ना हो तो भी कोई साफ्टवेयर ईवीएम् में पहले से ही छुपा हो सकता है, वायरलेस उपकरणों को छुपाने के लिए तकनीक बेहद आसान हैं और चुपके से अनगिनत तरीके में मतदान स्थानों में किया जा सकता है. निर्वाचन आयोग के दो विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के मुताबिक स्पष्ट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सुरक्षा क्रेडेंशियल्स के साथ वैज्ञानिकों द्वारा प्रदर्शन किया गया.और भरोसा जताया गया, इसके विपरीत जब कुछ वैज्ञानिकों ने असली मशीन के साथ अपने प्रयोगों का प्रदर्शन किया और काम कर रहे हमलों को प्रदर्शित किया, जिसके हिसाब से वोटों की हेराफेरी के अनगिनत तरीके निकले, पढ़ें लिंक:-
http://indiaevm.org/qa.html
90 सीटों पर कांग्रेस 15000 से 50,000 वोटों के अन्तर से नंबर दो की स्थिति पर रहेगी। अगर नंबर एक के 50,000 से 40,000 वोट नंबर दो को दे दिए जाएँ, तो अंतर 80,000 हजार से 1,00,000 वोटों का हो जायेगा, इसका मतलब जो कांग्रेस 116 सीटों पर सिमट रही है, वह 116+ 90= 206 पर आ जाएगी, यानि की सन् 2009 की सीटों के बराबर,
सारांश यह की फिर देश को घोटाले झेलने होंगे, फिर आंकड़ों में गरीब कम होंगे, और वास्तव में गरीबी और बढ़ेगी,
प्रस्तुति:- नीरज कौशिक

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