Tuesday, 24 June 2014

देश में महिलाओ के कानून दुरूपयोग रोकने के लिए,आज तक के प्रयास नाकाफी ,इसलिए जानिए.!!! आगे क्या करना है,और क्यों


June 24, 2014 at 11:00pm
आदरणीय देशवासिओं,

 देश  में महिलाओ के लिए बनाये गए कानूनो के दुरूपयोग को रोकने के लिए,.... आज तक संस्थाओ/ लोगो के द्वारा किये गए प्रयास ........नाकाफी ,...........इसलिए ..............अब  जानिए........!!!  आगे  क्या करना है.......???  और क्यों...............???

अभी तक देश के अलग हिस्सों में कई जागरूक लोगो ने महिलाओ के लिए बनाये गए कानूनो के दुरूपयोग को रोकने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर तथा संस्थाओ के माध्यम से इन कानूनो ( दहेज प्रताड़ना , घरेलु हिंसा, गुजारा भत्ता , बलात्कार, छेड़ा- छाड़ि व् कई और पुरुष विरोधी कानून )  के दुरूपयोग पर सजा व् अन्य मांगों को लेकर कई बार कोशिशें की गई .    मैंने पिछले 4  वर्षों में  इस बात का गहराई से समझने का प्रयास किया कि--  आखिर ये कोशिशें लोगोको घरो से बाहर लाने में नाकामयाब क्यों............???

कुछ कड़वे तथ्य/ सच -----

-- महिला आयोग / तथाकथित महिला कल्याण संगठन के पास धन  कि बहुत बड़ी ताकत, जिसमे सरकारी फण्ड के आलावा विदेशी फण्ड भी शामिल  है.
-- महिलाओ के पास क़ानूनी रूप से हमारे हाथ बाँधने के जायज./ नाजायज बहुत सारे  हथियार  और हमारे पास कुछ भी नहीं .
--हम आज भी कानूनो के खतरनाक प्रावधानों को समझने व् समझाने में नाकाम , इसलिए मामले कि असली समस्या को समझ ही नहीं सके .
-- महिलाओ के ड्रामे के प्रति आज भी समाज में जरुरत से ज्यादा समर्थन .
-- महिला आयोग/ कि गड़बड़िओं को उजागर करके उनकी हकीकत खोल कर, उनकी असलियत जनता के सामने लाने कि रणनीति  पर कोई  काम  न  करना   .
-- कुछ नकली लोग एक्टिविस्ट   के रूप में दिखावा करके लोगो  कि असली समस्याओ के समाधान के लिए कोशिश करने कि बजाय अपने -2  नम्बर बनाने में लगे / अपने जुगाड़ से धन  वसूली का माध्यम बनाने में लगे .

मेरे कुछ गंभीर सवाल----

-- आज तक देश कि राजधानी/ किसी और शहर के  किसी भी प्रोग्राम में हमारी भीड़ 500  लोगो का आंकड़ा पर क्यों नहीं कर पाई ..........???
  -- ऐसी क्या कारण है कि पीड़ित लोग भी (अपने स्वार्थ के लिए ही सही )..........हमारे साथ नहीं जुड़ रहे ..............???

इन सब बातो के पीछे  कोई  न कोई खतरनाक कारण जरूर है,.... जिसे समझने में हमारे लोग नाकाम रहे या उनकी कोशिशो में,  या रणनीति  में  कोई कमी थी या हमारे त्याग / तपस्या में कोई कमी थी के हम उनका आदर्श नहीं बन सके ............और उनको प्रेरित नहीं कर सके....................!!!

काफी सोच विचार  के बाद हमने निर्णय लिया है कि -- हम अपने अनुभवों का लाभ देश के पीड़ित लोगो तक पहुँचाने के लिए  देश के हर राज्य में , जिलो में कार्यशला आयोजित   करेंगे .
इस कार्यक्रम के निम्नलिखित उद्देशय हैं.-----
--ताकि लोगो को इस खतरनाक स्थिति से अवगत करवाया जा सके
-- और उनके केस में मदद करके उनके शोषण पर लगाम लगाई जा सके.
-- उनको प्रेरित करके दूसरे पीड़ित लोगों कि मदद कि जा सके ..
--उनको पेड़ कि जड़  को ठीक करने यानि कि कानून सुधार अभियान का हिस्सा बनाया जा सके -
-- आने वाली पीढ़ीओं कि  समस्याओ  के अग्रिम समाधान के लिए जगाया जा सके .

इस नेक काम के लिए हमें देश के हर राज्य के, हर जिले तक पहुचना है  . 640  जिले हैं  कार्यशाला तीन दिन कि है ............ये अभियान अगले 3  वर्षो तक चलेगा . शुरुआत में बड़े शहर , फिर जिलावार .इस नेक काम के लिए हर राज्यों से समर्पित लोग,.......... जो स्वार्थ कि भावना से हटकर कुछ करना चाहते हो .......उनको सादर आमंत्रित करते हैं ..................फिर देखिए इस देश के कानून कैसे  बदलते हैं ......???
हम किसी विदेशी चंदे पर नहीं पलना चाहते ...............इसलिए समर्थ लोगो से तन, मन और धन से इस नेक काम में सहयोग कि अपील करते हैं


आप के सुझाव और प्रतिक्रियाएं सादर आमंत्रित है
भवदीय
Manojj Kr. Vishwakarma... न्याय--- पुरुष
Social Activist, RTI Activist & Scientist
A Responsible Citizen of Nation.......
09253323118./ 09910597896
.
---The Public Solution Factory..........
Visit us at-- thepublicsolutionfactory.blogspot.in
Facebook as--www.facebook.com/groups/thepublicsolutionfactory/
as---www.facebook.com/thepublicsolutionfactory
Twiter as --https://twitter.com/PblicSolnFactry
---परिवार बचाओ ----देश बचाओ.... जनआन्दोलन....
Visit us at --http://parivarbachaodeshbachao.blogspot.in/
Facebook as--www.facebook.com/groups/parivarbachao/
Twitter as--https://twitter.com/ParivarBachao
.---अन्ना के सिपाही
Visit us on--annakesipahi.blogspot.com
Facebook as---www.facebook.com/groups/annakesipahi/
Twitter as--https://twitter.com/AnnaKeSipahi

No comments:

Post a Comment