Tuesday, 20 August 2013

वीआईपी गाड़ियों में लाल बत्ती और सायरन से ब्रिटिश राज की झलक: सुप्रीम कोर्ट

वीआईपी गाड़ियों में लाल बत्ती और सायरन से ब्रिटिश राज की झलक: सुप्रीम कोर्ट

वीआईपी गाड़ियों में लाल बत्ती और सायरन से ब्रिटिश राज की झलक मिलती है. जब गृह मंत्री पी चिदंबरम ने इस सुविधा से इनकार कर दिया था तो फिर मंत्रियों, नौकरशाहों और अन्य नेताओं को ये सुविधाएं क्यों दी जा रही हैं? इस तरह के कड़े शब्दों का इस्तेमाल सुप्रीम कोर्ट ने किया है. सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र और राज्य सरकारों से
कहा कि सभी वीआईपी गाडियों से सायरन हटाए जाएं, क्योंकि यह नियमों के खिलाफ हैं. कोर्ट ने संकेत दिया कि गाड़ियों पर लाल बत्तियों का दुरुपयोग रोकने के लिये शीघ्र ही आदेश पारित किया जायेगा. न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी और न्यायमूर्ति वी गोपाल गौड़ा की खंडपीठ
ने कहा कि वीआईपी गाड़ियों में लाल बत्ती और सायरन के इस्तेमाल से ‘ब्रिटिश राज की झलक’ मिलती है. न्यायाधीशों ने सवाल किया कि जब गृह मंत्री के रूप में पी चिदंबरम ने इस सुविधा से इनकार कर
दिया था तो फिर मंत्रियों,
नौकरशाहों औरर नेताओं को ये सुविधायें क्यों दी जा रही हैं.
आपने कोर्ट की कार्यवाही को तमाशा बना दिया है
जजों ने कहा, 'इसमें इतना विरोधाभास है.
गृह मंत्री के रूप में पी चिदंबरम ने
कहा था कि उन्हें अपने वाहन के लिये
एस्कार्ट और सायरन की जरूरत नहीं है.
गृह मंत्री के कामकाज के लिये यह
जरूरी था, लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें
इसकी जरूरत नहीं है.' कोर्ट ने
सरकारों (केंद्र और राज्य) को इन
सुविधाओं का दुरुपयोग रोकने हेतु नियम
बनाने के लिये चार सप्ताह का और समय
देने से इनकार करते हुये कहा कि अब वह
आवश्यक निर्देश देगा.
न्यायाधीशों ने कहा, 'आपने कोर्ट
की कार्यवाही को तमाशा बना दिया है.
हमने आपको पर्याप्त समय दिया. आपने
केन्द्रीय मोटर वाहन कानून के नियम
108 का उल्लंघन करने
वाली अधिसूचना निरस्त क्यों नहीं की?
हम यह अधिसूचना निरस्त करने जा रहे हैं.
आपको सुनिश्चित करना होगा कि सारे
सायरन हटाए जाएं.'
राज्यों में सभी मंत्रियों, विधायकों और
नौकरशाहों को उच्च
पदाधिकारियों की श्रेणी में रखे जाने
का जिक्र करते हुये न्यायाधीशों ने कहा,
'उच्च पदाधिकारियों को लेकर चलने वाले
वाहनों में लाल बत्ती लगाने
की अनुमति देने की राज्य
सरकारों की अधिसूचना क्यों नहीं निरस्त
कर दी जाये.

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