रूपए की कीमत और डालर
===============
इस पर बहुत सारी पोस्ट फेसबुक पर आ रही है l मैंने सोचा मै भी अपने मन की बात लिख दूँ ,,राजीव दिक्सित जी का एक विडिओ देखा था l आखिर क्यों लगातार रुपया गिरता जा रहा है ,,कुछ लोग कांग्रेस से ऊपर सोचते ही नहीं यही भुल है l कांग्रेस तो छोटा सा प्यादा है उनका (इल्क्लुमिनाती का )l कुछ लोग सोचते हैं की दूसरी सरकार आएगी और रुपया डालर बराबर कर देगी ,,,हा हा हा जितना हंसू उतना कम है l सही मायने में तो रोना आता है ,,की आप देश भक्ति को वोट से जोड़ देते हो ,,सरकार बदलने से पेट्रोल आपको सस्ता नहीं मिलेगा l सरकार बदलने से आप रूपए की कीमत नहीं बढ़ा पाओगे l ये तो साजिश के तहत घटाया जा रहा है l जी हाँ आपको गरीब बनाने के लिए ,,,जी हाँ आपके खनिज को लुटने के लिए ,,,कौन लूट रहा है आपके खनिज ...कांग्रेस ,,,नहीं उसके उपर भी कोई है उनके बाप ,,,वो बाप लोग यहाँ की सरकार को कंट्रोल करते हैं चाहे कांग्रेस की हो या किसी की l वो बाप लोग मिडिया और न्यायालय को अपनी बपौती समझते हैं ,,दुसरे शब्दों में कहूँ संविधान भी उन्ही का दिया हुआ है l
इल्लुमिनाती (यूरोप के वो तेरह राजघराने ,अंग्रेज कह लीजिए ),,जब देश को आज़ाद (नकली आज़ादी )करके गई तो लोगो ने सोचा हम आज़ाद हो गए ,,अब हमसे कोई लगान नहीं लिया जाएगा ,,,अब हमसे कोई टेक्स नहीं लिया जाएगा l पर क्या ऐसा हुआ ?
हुआ यूँ की उन तेरह राज घरानों(इल्लुमिनाती ) ने लूटने का फार्मूला बदल दिया ,,,अब वो डंडा लेकर नहीं परेशान करते ,,बल्कि डंडे वालो की फ़ौज खड़ी कर दी ,पुलिस जज कोर्ट सरकार संविधान सब उन्ही का ही तो काम करते हैं l
बात करते है राजीव जी के उस विडिओ की
https://www.youtube.com/ watch?v=hCcPuXVYmKI
इल्लुमिनाती ने तीन प्रमुख संस्थाएं बनाई ,,,imf और वर्ल्ड बैंक ,,,तीसरा कारखाना लगाया जिसको आप अमेरिकी फेड रिजर्व के नाम से जानते हैं ,,पर बहुत लोग जानते होंगे की अमेरिका सरकार का है वो फेड रिजर्व l अम्रेरिका का नहीं इल्लुमिनाती का है वो फेड रिजर्व l फेड रिजर्व में ठोक भाव में डालर (कागज़ )छापना शुरू किया ,,कर्जा बाटने के लिए ,,,जी हाँ अमेरिका को भी कर्जा दिया ,,,सारे देशो को फ्री में कागज(डालर ) के बाटा ,,बदले में उनको क्या चाहिए था ? संसाधन ,,कैसा संसाधन ,,अरब देशो से पेट्रोल,,,भारत से लोहा कोयला आदि आदि l जब की संसाधनों पर मूल हक़ देश की जनता का होना चाहिए l पर उन राक्षसों को जनता नाम से नफरत है ,,,पूरी पृथ्वी उनके बाप की है ऐसा सोचते हैं वो राक्षस l
१९४५ के आस पास की बात है जब उन्होंने न्यू वर्ल्ड ऑर्डर का प्रोग्राम आस्तित्व में लाए ,उसके बाद ही उपर्युक्त तीन संस्थाओं को बनाया l
कैसे लुटती है इल्लुमिनाती इन संस्थाओं से
===========================
जबरन विश्व के सारे देशों को इनमे शामिल होने के लिए दबाव बनवाया ,,,डालर यानी कागज़ देने का लालच दिया ,,,नेहरु तो उनका एजेंट मान गया सारी बात ,,नहीं मानता तो मौत होती ,,मिला कर्जा (डालर, कागज )भारत को पहली बार ,जब की भारत को कर्ज की आवश्यकता ही नहीं थी इतने संसाधन खुद थे भारत के पास l बदले में विदेशी कंपनियों का जाल बिछाया और ठेका मिलने लगा खदानों का ,,लूटने लगे वो संसाधनों को ,,आज तक लुट रहे हैं l
अब थोड़ी सी दिकत आने लगी राक्षसों को ,,,संसाधन उनको महंगे मिलते थे ,,इसलिए imf से दबाव बनवा कर रूपए की किमत गिरवाने लगे ,,,आज तक वो सिलसिला जारी है ,,कोई भी प्रधान मंत्री बनता है वो रुपया गिरवाता है ,,सरकार को डर इस बात का रहता है की कहीं वर्ल्ड बैंक पुराना कर्जा न मांगने लगे l जब की कर्जा कैसा ,,लिया तो डालर यानी कागज ही था l
वैनिजुएला के राष्ट्रपति ने इतना बोला की मुझे पेट्रोल के बदले डालर नहीं चाहिये सोना गोल्ड चाहिए ,,मरवा दिया इल्लुमिनाती ने l
पहले लोहा इल्लुमिनाती 50 रूपए किलो खरीदती थी आज आठ रूपए किलो खरीद रही है ,,,मतलब जनता के लिए मंहगाई बढ़ रही है उनके लिए घट रही है ,,,कैसे रूपए का दाम गिरवा कर ,,किस्से अपनी ही बनाई संस्था imf से l
ब्रम्ह वाक्य ==
wto ,वर्ड बैंक ,imf ,,से रिश्ता तोड़ो ,भारत की सेना मजबूत करो ,सेना के हथियार भारत में बनवाओ ,सेना इतनी मजबूत होनी चाहिए की इन तीनो संस्थाओं से सम्बन्ध टूटने के बाद जो राक्षसों द्वारा युद्ध थोपा जाएगा उस युद्ध को भारत की सेना लड़ सके l भारत की सेना इतनी मजबूत होनी चाहिए की नाटो की सेना से युद्ध लड़ सके
===============
इस पर बहुत सारी पोस्ट फेसबुक पर आ रही है l मैंने सोचा मै भी अपने मन की बात लिख दूँ ,,राजीव दिक्सित जी का एक विडिओ देखा था l आखिर क्यों लगातार रुपया गिरता जा रहा है ,,कुछ लोग कांग्रेस से ऊपर सोचते ही नहीं यही भुल है l कांग्रेस तो छोटा सा प्यादा है उनका (इल्क्लुमिनाती का )l कुछ लोग सोचते हैं की दूसरी सरकार आएगी और रुपया डालर बराबर कर देगी ,,,हा हा हा जितना हंसू उतना कम है l सही मायने में तो रोना आता है ,,की आप देश भक्ति को वोट से जोड़ देते हो ,,सरकार बदलने से पेट्रोल आपको सस्ता नहीं मिलेगा l सरकार बदलने से आप रूपए की कीमत नहीं बढ़ा पाओगे l ये तो साजिश के तहत घटाया जा रहा है l जी हाँ आपको गरीब बनाने के लिए ,,,जी हाँ आपके खनिज को लुटने के लिए ,,,कौन लूट रहा है आपके खनिज ...कांग्रेस ,,,नहीं उसके उपर भी कोई है उनके बाप ,,,वो बाप लोग यहाँ की सरकार को कंट्रोल करते हैं चाहे कांग्रेस की हो या किसी की l वो बाप लोग मिडिया और न्यायालय को अपनी बपौती समझते हैं ,,दुसरे शब्दों में कहूँ संविधान भी उन्ही का दिया हुआ है l
इल्लुमिनाती (यूरोप के वो तेरह राजघराने ,अंग्रेज कह लीजिए ),,जब देश को आज़ाद (नकली आज़ादी )करके गई तो लोगो ने सोचा हम आज़ाद हो गए ,,अब हमसे कोई लगान नहीं लिया जाएगा ,,,अब हमसे कोई टेक्स नहीं लिया जाएगा l पर क्या ऐसा हुआ ?
हुआ यूँ की उन तेरह राज घरानों(इल्लुमिनाती ) ने लूटने का फार्मूला बदल दिया ,,,अब वो डंडा लेकर नहीं परेशान करते ,,बल्कि डंडे वालो की फ़ौज खड़ी कर दी ,पुलिस जज कोर्ट सरकार संविधान सब उन्ही का ही तो काम करते हैं l
बात करते है राजीव जी के उस विडिओ की
https://www.youtube.com/
इल्लुमिनाती ने तीन प्रमुख संस्थाएं बनाई ,,,imf और वर्ल्ड बैंक ,,,तीसरा कारखाना लगाया जिसको आप अमेरिकी फेड रिजर्व के नाम से जानते हैं ,,पर बहुत लोग जानते होंगे की अमेरिका सरकार का है वो फेड रिजर्व l अम्रेरिका का नहीं इल्लुमिनाती का है वो फेड रिजर्व l फेड रिजर्व में ठोक भाव में डालर (कागज़ )छापना शुरू किया ,,कर्जा बाटने के लिए ,,,जी हाँ अमेरिका को भी कर्जा दिया ,,,सारे देशो को फ्री में कागज(डालर ) के बाटा ,,बदले में उनको क्या चाहिए था ? संसाधन ,,कैसा संसाधन ,,अरब देशो से पेट्रोल,,,भारत से लोहा कोयला आदि आदि l जब की संसाधनों पर मूल हक़ देश की जनता का होना चाहिए l पर उन राक्षसों को जनता नाम से नफरत है ,,,पूरी पृथ्वी उनके बाप की है ऐसा सोचते हैं वो राक्षस l
१९४५ के आस पास की बात है जब उन्होंने न्यू वर्ल्ड ऑर्डर का प्रोग्राम आस्तित्व में लाए ,उसके बाद ही उपर्युक्त तीन संस्थाओं को बनाया l
कैसे लुटती है इल्लुमिनाती इन संस्थाओं से
===========================
जबरन विश्व के सारे देशों को इनमे शामिल होने के लिए दबाव बनवाया ,,,डालर यानी कागज़ देने का लालच दिया ,,,नेहरु तो उनका एजेंट मान गया सारी बात ,,नहीं मानता तो मौत होती ,,मिला कर्जा (डालर, कागज )भारत को पहली बार ,जब की भारत को कर्ज की आवश्यकता ही नहीं थी इतने संसाधन खुद थे भारत के पास l बदले में विदेशी कंपनियों का जाल बिछाया और ठेका मिलने लगा खदानों का ,,लूटने लगे वो संसाधनों को ,,आज तक लुट रहे हैं l
अब थोड़ी सी दिकत आने लगी राक्षसों को ,,,संसाधन उनको महंगे मिलते थे ,,इसलिए imf से दबाव बनवा कर रूपए की किमत गिरवाने लगे ,,,आज तक वो सिलसिला जारी है ,,कोई भी प्रधान मंत्री बनता है वो रुपया गिरवाता है ,,सरकार को डर इस बात का रहता है की कहीं वर्ल्ड बैंक पुराना कर्जा न मांगने लगे l जब की कर्जा कैसा ,,लिया तो डालर यानी कागज ही था l
वैनिजुएला के राष्ट्रपति ने इतना बोला की मुझे पेट्रोल के बदले डालर नहीं चाहिये सोना गोल्ड चाहिए ,,मरवा दिया इल्लुमिनाती ने l
पहले लोहा इल्लुमिनाती 50 रूपए किलो खरीदती थी आज आठ रूपए किलो खरीद रही है ,,,मतलब जनता के लिए मंहगाई बढ़ रही है उनके लिए घट रही है ,,,कैसे रूपए का दाम गिरवा कर ,,किस्से अपनी ही बनाई संस्था imf से l
ब्रम्ह वाक्य ==
wto ,वर्ड बैंक ,imf ,,से रिश्ता तोड़ो ,भारत की सेना मजबूत करो ,सेना के हथियार भारत में बनवाओ ,सेना इतनी मजबूत होनी चाहिए की इन तीनो संस्थाओं से सम्बन्ध टूटने के बाद जो राक्षसों द्वारा युद्ध थोपा जाएगा उस युद्ध को भारत की सेना लड़ सके l भारत की सेना इतनी मजबूत होनी चाहिए की नाटो की सेना से युद्ध लड़ सके